इस बार अधिम मास के से देवी दुर्गा का सबसे प्रमुख कहे जाने वाला नवरात्रि का पर्व देर से यानि 17 अक्टूबर से शुरू होने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर बार नवरात्रि के दौरान जब भी मां अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाने आती है तो खास सवारी करती हैं। हम जानते हैं आपको दिमाग में यकीनन ये प्रश्न चल रहा होगा, कि इस बार मां किसकी सवारी करने वाली है। तो आइये आपको बताते हैं इस बार मां दुर्गा किसकी सवारी करेंगी यानि किस पर बैठकर धरती पर अपने भक्तों को उनकी परेशानियों से मुक्त करेंगी।
शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि पर मां दुर्गा के धरती पर आगमन का विशेष महत्व होता है। देवीभागवत पुराण के मुताबिक नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत के रूप में भी देखा जाता है। हर साल नवरात्रि में देवी दुर्गा का आगमन अलग-अलग वाहनों में सवार होकर आती हैं और उसका अलग-अलग महत्व होता है। अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार के दिन होता है तब इसका अर्थ होता है माता हाथी पर सवार होकर आएंगी। अगर शनिवार और मंगलवार के दिन नवरात्रि का पहला दिन होता है तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं।
वहीं गुरुवार या शुक्रवार के दिन नवरात्रि आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि पर मां का आगमन होता तो माता डोली की सवारी करते हुए भक्तों को आशीर्वाद देने आती हैं। बुधवार के दिन नवरात्रि का पहला दिन होने पर माता नाव की सवारी करते हुए धरती पर आती हैं। बता दें कि इस बार 17 अक्टूबर को शनिवार है इसलिए मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आने वाली है। देवी भागवत पुराण के मुताबिक जब माता दुर्गा नवरात्रि पर घोड़े की सवारी करते हुए आती हैं तब पड़ोसी से युद्ध, गृह युद्ध, आंधी-तूफान और सत्ता में उथल-पुथल जैसी गतिविधियां बढ़ने की संभावना रहती है। हम यह भी बता दें कि नवरात्रि के आरंभ से ही शुभ कार्यों की शुरूआत हो जाएगी। क्योंकि मलमास में हर तरह का शुभ काम वर्जित होता है। लेकिन नवरात्रि के साथ ही सभी काम शुरू हो जाएंगे। नवरात्रि आरंभ होते ही नई वस्तुओं की खरीद, मुंडन कार्य, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। हालांकि शादी विवाह देवउठनी एकादशी तिथि के बाद ही आरंभ होंगे।