राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर में बेनामी शिकायत पर की गई पुलिस जांच में कई खुलासे हुए हैं. मामले में गिरफ्तार दो ई-मित्र संचालकों ने पूछताछ में कई अहम बातें केस से जुड़ी पुलिस को बताई हैं. दरअसल, दस्तावेजों में हेरफेर कर कम उम्र वाले लोगों को वृद्ध बताकर फर्जी तरीके से वृद्धावस्था पेंशन का लाभ दिलाने के मामले में गिरफ्तार दो ई-मित्र संचालकों ने कई खुलासे किए हैं.
ई-मित्र संचालकों ने किए कई खुलासे
पुलिस पूछताछ में दोनों ई-मित्र संचालकों ने अपनी आईडी से करीब 600 लोगों को फर्जी तरीके से वृद्धावस्था पेंशन दिलाने की बात कबूली है. इधर, मामले में पुलिस ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर संबंधित पंचायतों में भौतिक सत्यापन की मांग की है. भौतिक सत्यापन के बाद और बड़ा खुलासे की उम्मीद पुलिस विभाग को है.
दस्तावेज में की गई हेराफेरी
सरकार की ओर से ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 58 साल हो चुकी है, उनकी मदद के लिए सरकार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन योजना चलाई जा रही है. इसमें महिला की उम्र 55 वर्ष और पुरुष की उम्र 58 वर्ष पूरी होने पर सरकार की ओर से नियमानुसार पेंशन दिया जाता है. लेकिन प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर में ई-मित्र संचालकों द्वारा फर्जी तरीके से अपात्र लोगों से ढाई-ढाई हजार रुपए लेकर दस्तावेजों में हेराफेरी कर वृद्धावस्था पेंशन दिलाने का सनसनीखेज खुलासा पुलिस जांच में हुआ है.
DM-SP से की गई थी शिकायत
सदर थाने के सीआई चांदमल सिंगारिया ने बताया कि जिले के गामड़ी देवल, माडा, थाणा और छापी गांव से कई लोगों ने फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरफेर कर कम उम्र के लोगों द्वारा उम्र ज्यादा बताकर वृद्धावस्था पेंशन उठाने की गुमनामी शिकायत कलेक्टर व एसपी से की गई थी.
600 लोगों को फर्जी तरीके से दिलाई गई पेंशन
गुमनामी शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने जांच की और शुरूआती जांच में पुलिस ने माडा पंचायत के दो ई-मित्र संचालकों को गिरफ्तार किया. इधर, पुलिस रिमांड पर चल रहे दोनों ई-मित्रों ने पूछताछ में फर्जी तरीके से करीब 600 लोगों को पेंशन दिलाने की बात स्वीकारी है.
कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद
जांच अधिकारी सीआई चांदमल सिंगारिया बताया कि इन दो ई-मित्र संचालकों के अलावा 5 और ई-मित्र संचालकों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. जिनकी जांच की जा रही है. उन्होने बताया कि इस पूरे रैकेट के और खुलासे के लिए डूंगरपुर व बिछीवाड़ा एसडीएम व विकास अधिकारियों को पत्र लिखकर ई-मित्र संचालकों द्वारा उनके आईडी से पिछले तीन महीने स्वीकृत करवाई गई. साथ ही, वृद्धावस्था पेंशन प्रकरणों के भौतिक सत्यापन की मांग की गई है.
बहरहाल, आदिवासी जिले डूंगरपुर में अभी तक 4 पंचायतों में फर्जी पेंशन उठाने के मामले सामने आ चुके हैं. जानकारों का कहना है कि ऐसी हालत ज्यादातर गांवों की है जहां फर्जी तरके से लोग पेंशन का लाभ ले रहे हैं. अगर सभी गांवों में इस तरह से जांच की जाए तो सैकड़ों फर्जीधारी लोग सामने आ सकते हैं. खैर पूरे मामले में पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद है की इस पूरे खेल में और भी खुलासे हो सकते हैं.