रात की अच्छी नींद का असर सुबह की दिन भर होनेवाली गतिविधि पर पड़ता है. भरपूर नींद से मूड खुशगवार रहता है. अच्छी नींद से आंखों के आसपास बदनुमा काले धब्बे नहीं उभरते हैं. मुनासिब वक्त तक सोना आपके दिल, वजन और जेहन समेत शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन साबित होता है. मगर भाग दौड़ की जिंदगी और बदलती जीवन शैली के कारण सोने का औसत समय घटकर छह घंटे रह गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक रात में 7-8 घंटे सोना अच्छी नींद की निशानी मानी जाती है. अच्छी और भरपूर नींद नहीं लेनेवालों को खतरों के प्रति सावधान रहना चाहिए.
1. चिड़चिड़ापन
अधूरी नींद के नतीजे में चिड़चिड़ापन की शिकायत आम हो जाती है. एक शोध में बताया गया है कि नकारात्मक रुजहान नींद प्रभावित होने का नतीजा होते हैं और दफ्तर के कामकामज पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.
2. सिर दर्द
शोधकर्ता अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि नींद की कमी सिर दर्द का कारण क्यों बनता है. नींद के खलल से आधे सिर का दर्द होने लगता है जबकि खर्राटा लेनेवाले 36-58 फीसद लोगों को सुबह सिर दर्द की शिकायत होती है.
3. मोटापा
कम नींद के नतीजे में लोगों का हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है. इसके चलते बहुत ज्यादा कैलोरी वाले फूड खाने का दिल करता है. इच्छाओं पर काबू करने की क्षमता घट जाती है. दोनों सूरत का नुकसान मोटापे की शक्ल में सामने आता है. जबकि थकान का अलग एहसास हर वक्त बरकरार रहता है.
4. दृष्टि की कमजोरी
नींद की कमी से दृष्टि की कमजोरी, धुंधलापन की शिकायत होती है. जितना वक्त आप जागकर बिताते हैं उतना ही ज्यादा दृष्टि में खराबी की आशंका बढ़ जाती है.
5. दिल का रोग
एक शोध के दौरान लोगों को 88 घंटे तक नहीं सोने दिया गया. इसके नतीजे में वॉलेंटियर का ब्लड प्रेशर ऊपर पहुंच गया जबकि उनके अंदर कोई लक्षण नहीं था. मगर जब उन्हें हर रात सिर्फ 4 घंटे तक सोने की इजाजत दी गई तो दिल की धड़कन की रफ्तार बढ़ गई. इसके अलावा उनके शरीर में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ानेवाले प्रोटीन का स्राव होने लगा.
6. संक्रमण
भरपूर नींद के जरिए प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाया जा सकता है. अगर आप नींद की कमी के शिकार हैं तो बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र स्वाभाविक तौर पर नकारात्मक असर डालता है.
7. टीकाकरण का असर कम होना
टीकाकरण आम तौर पर शरीर में एंटी बॉडीज का निर्माण करती है. ये किसी खास वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं. मगर जब आप भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं तो इम्युन सिस्टम कमजोर हो जाता है. इसका असर एंटी बॉडीज का प्रभावी तरीके से काम करने पर पड़ता है.
इसके अलावा भी नींद की कमी का सामना कर रहे लोगों को बोलने में दिक्कत, नजला-जुकाम की शिकायत, पेट का रोग, डायबिटीज, कैंसर, बांझपन, वक्त से पहले बुढ़ापा, अल्जाइमर, तन्हाई, डिप्रेशन का खतरा बढ़ने की आशंका रहती है.