ये नियम भी होंगे लागू
>> सेबी ने कई और नियमों से जुड़ा सर्कुलर भी जारी किया है. जैसे कि फंड मैनेजमेंट की निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है. खासकर सौदे डालने, फंड मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट जैसी टीमों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश है. हर म्यूचुअल फंड को बाकायदा ऐसे नियम बनाने होंगे जिसमें सभी की भूमिका और जिम्मेदारी तय हो.
>> म्यूचुअल फंड के डीलिंग रूम से किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए भी सर्कुलर में निर्देश हैं. जैसे कि डीलिंग डेस्क में पर्याप्त स्टाफ हो, साथ ही वहां होने वाली सारी बातचीत रिकॉर्डेड लाइन से हो. डीलिंग रूम में मोबाइल फोन या अन्य कम्युनिकेशन लाइन नहीं होनी चाहिए. बल्कि सारी बातचीत केवल रिकॉर्डेड टेलीफोन लाइन से ही करनी होगी. डीलिंग रूम में बस सौदे डालने लिए ही इंटरनेट की व्यवस्था होगी और किसी काम के लिए इंटरनेट सुविधा नहीं होगी. सौदा डालने की पूरी प्रक्रिया ऑडिट की जा सके इसकी व्यवस्था करनी होगी.
>> कोई नॉन कंप्लायंस हुआ तो म्यूचुअल फंड अपने ट्रस्टी बोर्ड को बताएंगे. जहां से सेबी को रिपोर्ट जाएगी. सेबी की ओर से दिए गए ज्यादातर निर्देशों का म्यूचुअल फंड पहले से ही पालन करते आ रहे हैं. फ्रंट रनिंग को रोकने के लिए सेबी ऐसे उपायों को लेकर गंभीर है. फ्रंट रनिंग का मतलब ये है कि म्यूचुअल निवेशकों के बड़े सौदों की जानकारी के आधार पर सौदे कर लाभ उठाना.