किसानों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर मोदी कैबिनेट से अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा दे दिया है. किसानों से जुड़े क़ानून पर दिल्ली में जहां राजनीतिक विरोध हो रहा है, वहीं पंजाब, हरियाणा और देश के अलग-अलग राज्यों में किसान सड़कों पर उतरकर भी आंदोलन कर रहे हैं.
आंदोलन करने वाले किसानों को बीजेपी के विरोधियों का भी समर्थन मिल रहा है. पंजाब के मुक्तसर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ट्रैक्टर पर सवार होकर पूर्व सीएम और अकाली दल नेता प्रकाश सिंह घर के बाहर धरना देने के लिए पहुंचे दूसरी तरफ़ हरियाणा के अंबाला में किसानों का धरना जारी है.
किसानों ने आंदोलन के अगले दौर का एलान किया
पंजाब के हाईवे से धरना ख़त्म करने के बाद किसानों ने आंदोलन के अगले दौर का एलान कर दिया है. हरियाणा में 20 सितंबर को सड़क रोको आंदोलन होगा. बिल के विरोध में किसान मज़दूर यूनियन 24 सितंबर से 26 सितंबर के बीच पंजाब में रेल रोको आंदोलन चलाएंगे. 25 सितंबर को पंजाब बंद की अपील भी की गई है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर किसान धरना देंगे.
बिल को लेकर किसान सरकार पर क्या आरोप लगा रहे
किसानों का आरोप है कि किसानों से जुड़े तीन बिल लाकर सरकार उनके ख़िलाफ़ काम कर रही है. किसानों के मुताबिक़ सरकार समर्थन मूल्य की व्यवस्था ख़त्म करना चाहती है. सरकार बिलों के ज़रिए मंडियों को ख़त्म करना चाहती है. सरकार कृषि क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को बढ़ावा देना चाहती है.
विरोध पर खुद प्रधानमंत्री ने दिया जवाब
NDA के भीतर विरोध के बावजूद सरकार अपने क़दम पीछे खींचने को तैयार नहीं है बिल का विरोध करने वालों को ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ” किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं. मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी. ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं.”
हरसिमरत का इस्तीफा अकाली दल की मजबूरी क्यों?
बिल का विरोध करना अकाली दल की मजबूरी है, अगर अकाली दल ऐसा ना करता तो पंजाब में उसकी पॉलिटिक्स दस साल पीछे हो जाती. गांवों के वोटर डेरा सच्चा सौदा विवाद में पहले से ही अकाली दल से नाराज़ हैं. बिल पास होने के बाद भी अकाली दल केंद्र सरकार में बना रहता तो पंजाब के गांवों में उसको रहे सहे वोट भी नहीं मिलते…वैसे भी पंजाब विधानसभा चुनाव में अब मुश्किल से डेढ़ साल बचा है. कैबिनेट से भले ही अकाली दल अलग हो गया हो लेकिन NDA से अलग होने का अभी कोई फ़ैसला नहीं किया गया है.
कैप्टन ने इस्तीफे को बताया नौटंकी, पंजाब में कांग्रेस विधायक का इस्तीफा
उधर बिल का ज़ोरदार विरोध कर रही कांग्रेस का कहना है कि अकाली दल नाटक कर रहा है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों के बिल पर हरसिमरत कौर के इस्तीफे को नौटंकी बताया है. वहीं किसानों से जुड़े बिल के विरोध में पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है.