स्टेट हेल्थ एजेंसी ने राज्य के 15 लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत देते हुए बिना गोल्डन कार्ड के निजी अस्पतालों में कोरोना के निशुल्क इलाज की इजाजत दे दी है। यह लाभ सिर्फ उन्हीं को मिलेगा, जिनका नाम पहले से आयुष्मान योजना की पात्रता सूची में है लेकिन वे किसी वजह से गोल्डन कार्ड नहीं बना पाए हैं।
आयुष्मान योजना के तहत संबद्ध अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज के लिए गोल्डन कार्ड का होना अनिवार्य है। अब कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्टेट हेल्थ एजेंसी ने इस संबंध में छूट दे दी है।
एजेंसी की ओर से प्राइवेट अस्पतालों को कहा गया है कि आरोग्य मित्र के पास उपलब्ध डेटा बेस के आधार पर मरीज की पहचान कर ली जाए। यदि मरीज पात्र है तो उसके फ्री इलाज की अनुमति मांगी जाए।
एजेंसी तत्काल मेल के जरिए अनुमति दे देगी। ऐसे में मरीज का इलाज बिना कार्ड के ही शुरू हो जाएगा। साथ ही मरीज के ठीक होने के बाद डिस्चार्ज के समय अस्पताल में ही उसका गोल्डन कार्ड बना दिया जाएगा ताकि अस्पताल को भुगतान में भी कोई परेशानी न हो।
पंद्रह लाख पात्र लोगों के अभी नहीं बन पाए कार्ड
राज्य में 15 लाख के करीब ऐसे लोग हैं जो आयुष्मान योजना के पात्र हैं लेकिन उन्होंने अभी तक कार्ड नहीं बनवाए हैं। मौजूदा समय में कोरोना की वजह से कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण की चपेट में आने से कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए आयुष्मान सोसायटी की ओर से यह सुविधा दी जा रही है।
कोरोना पीड़ित कोई मरीज आयुष्मान योजना का पात्र है और उसका गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो परेशान होने की जरूरत नहीं। स्टेट हेल्थ एजेंसी बिना कार्ड के भी अस्पताल को मरीज के फ्री इलाज की मंजूरी दे देगी। इसके लिए मरीज के परिजनों को आरोग्य मित्र से संपर्क करना होगा। ऐसे लोगों के कार्ड डिस्चार्ज के समय बना दिए जाएंगे।