इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई ऐसे काम हैं जो ठप्प हो गए हैं। आप जानते ही होंगे इसके चलते बीते समय में लॉकडाउन लगा था और लॉकडाउन के हटते ही उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है। जी दरअसल हाल ही में मिली जानकारी के तहत राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के बारे में बीते मंगलवार को विस्तृत कार्यक्रम जारी किया। अक्टूबर से बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करने वाले हैं।
उसके बाद 29 दिसंबर को वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा। अब इस खबर के सामने आने के बाद यह बात साफ हो गई है कि इस साल तो सूबे में पंचायत चुनाव किसी भी तरह से कोशिशों के बाद भी नहीं हो सकेंगे। आप जानते ही होंगे उत्तर प्रदेश की 59,163 ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल आने वाले 25 दिसंबर को खत्म होने वाला है। केवल यही नहीं बल्कि अगले साल 13 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष और 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा।
वहीं सूबे में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के कार्यक्रम का ऐलान बीते मंगलवार को किया जा चुका है, जो करीब साढ़े तीन महीने तक चलने वाला है। अब ऐसे में इस साल पंचायत का चुनाव हो पाना मुश्किल दिखाई दे रहा है क्योंकि पंचायत के चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को कम से कम 6 महीने का समय चाहिए। अब ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस बार जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी, प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ करवा सकती है।