ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बेहतर बनाने को सीएम के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार निवेशकों व आमजन को सरल व सहज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है कि निवेशक व आमजन को व्यवस्थाओं का लाभ एक क्लिक पर प्राप्त हो। इसके लिए लाइसेंस प्रक्रिया का पूर्ण रूप से सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने सभी विभागों को इस सम्बन्ध में किये जा रहे प्रयासों को गति प्रदान करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां लोक भवन में ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ के सम्बन्ध में आयोजित समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 की ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 14वें स्थान पर था। वर्ष 2019 की रैंकिंग में 12 पायदान की छलांग लगाकर राज्य ने पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के आगामी चरण के लिए और अधिक प्रयास करते हुए सभी सम्बन्धित विभाग एवं सरकारी एजेंसियां उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन और बेहतर बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा बिजनेस रिफाॅर्म एक्शन प्लान के आगामी चरण के लिए विभिन्न सुधार सुझाये गये हैं। इन सुधारों को समयबद्ध ढंग से लागू करने के लिए सम्बन्धित विभागों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि कार्ययोजना बनाकर इस सम्बन्ध में कार्यवाही की जाए। सुधारों को लागू किये जाने के सम्बन्ध में उन्होंने भारत सरकार को अगले महीने 30 अक्टूबर तक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव अपने-अपने विभाग की ऑनलाइन सेवाओं को और सुदृढ़ करें। यह सुनिश्चित करें कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने की कार्यवाही में और तेजी आए। एनओसी प्राप्ति के लिए फीस जमा करने की व्यवस्था को सिंगल विण्डो ‘निवेश मित्र’ पोर्टल से जोड़ा जाए। सभी प्रकार की एनओसी तत्काल उपलब्ध कराने के लिए 30 सितम्बर तक व्यवस्थाओं को ऑनलाइन किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिये कि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग सुधारों को लागू करने के सम्बन्ध में तेजी से कार्यवाही करते हुए 20 सितम्बर तक अपनी सेवाओं को ऑनलाइन करे। आबकारी विभाग द्वारा इस महीने के अन्त तक प्रस्तावित सुधार लागू कर दिये जाएं। अक्टूबर तक फिल्म बन्धु को निवेश मित्र पोर्टल से लिंक कर दिया जाए। सम्पत्ति के ऑनलाइन म्यूटेशन की कार्यवाही के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग निवेशकों को ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए तेजी से कार्ययोजना तैयार करे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउण्ड आदि के सम्बन्ध में 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराए। आवास विभाग द्वारा प्रक्रियाओं को और सरल बनाया जाए, इससे लोगों को सुविधा होगी। आवेदन की शर्ताें को सहज बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने पटाखों की बिक्री की लाइसेंस व्यवस्था को ऑनलाइन करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टाम्प ऐण्ड रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा प्रथम चरण में तीन जनपदों में 30 अक्टूबर तक सुधारों को लागू किया जाए। राजस्व विभाग सुधारों को ऑनलाइन लागू करने के लिए साॅफ्टवेयर डेवलप करे। पर्यटन विभाग होटल तथा ट्रैवल एजेंसी के पंजीयन एवं नवीनीकरण की ऑनलाइन व्यवस्था लागू करे। न्याय विभाग जिला न्यायालयों में ई-फाइलिंग, ई-सम्मन व्यवस्थाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करे, जिससे आमजन को कम से कम समय में त्वरित सुविधाएं प्राप्त हो सकें। बैठक में इन्वेस्ट यूपी द्वारा एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश में उद्योग संचालन के लिए वर्तमान में अपेक्षित 43 लाइसेंस, अनापत्ति प्रमाण पत्रों को घटाकर लगभग 21 की संख्या तक कम करना सम्भावित है। इसके लिए पर्यावरण विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, श्रम विभाग तथा खाद्य एवं रसद (बाट एवं माप) विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की गयी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ये चारों विभाग कार्ययोजना को अविलम्ब लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें, जिससे प्रदेश में उद्योग संचालन को और सुगम बनाया जा सके।