इजरायल में रविवार को पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (Coronavirus Record Cases) के रिकॉर्ड 3,07,000 संक्रमित लोग मिले हैं. यह जानकारी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने दी है. एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की इतनी बड़ी संख्या मिलने से पूरे देश में खौफ का मंजर देखा जा रहा है. हालांकि इन मामलों के आने से पहले ही इजरायल में दोबारा से तीन हफ्तों का लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई थी. लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा शनिवार को की गई. इजरायल पहला आर्थिक रूप से विकसित देश है, जहां कोरोना की दूसरी लहर के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
मार्च में लगाए लॉकडाउन में इजरायल को मिली थी सफलता
एफपी की सूची के अनुसार, इजरायल में इस साल के मार्च महीने में सख्ती से लॉकडाउन लगाकर कोविड-19 बीमारी के प्रसार पर अंकुश लगाने में सफलता पाई गई थी. इजरायल की इस सफलता को लेकर दुनिया भर में खूब तारीफ की गई थी. हालांकि, अब इजरायल में प्रति व्यक्ति संक्रमण दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. इस मामले में इजरायल, बहरीन के बाद दूसरे स्थान पर है.
Coronavirus live news: WHO reports record new global cases; Israel becomes first country to reimpose lockdown https://t.co/XWVYoXIACN
— The Guardian (@guardian) September 13, 2020
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने टेलीविजन पर घोषणा की है कि कैबिनेट तीन हफ्तों के सख्त लॉकडाउन की योजना पर राजी हो गया है. इस लॉकडाउन को तीन हफ्तों के बाद भी आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों पर रोक लगाना है. वायरस के संक्रमण को रोकना है. यहां हर रोज 4,000 नए मामले सामने आ रहे हैं.
लॉकडाउन शुक्रवार को यहूदियों के नए साल की छुट्टी से ठीक पहले लागू किया जाएगा. सरकार को लॉकडाउन लागू करने का फैसला लेने के दौरान विरोध भी झेलना पड़ा. अति रूढ़िवादी दल के कुछ लोग छुट्टियों के दौरान लॉकडाउन लागू करने के सख्त खिलाफ थे. लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर कहीं भी 10 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे और इंडोर मीटिंग में यह संख्या 20 तक होगी.