राजस्थान के जोधपुर के तेल कारोबारी मांगीराम चौधरी को पीटने, अवैध हिरासत में रखने तथा बिना इन्वेस्टिगेशन माल सीज करने के केस में थाना सिकंदरा की रुनकता चौकी के प्रभारी अरुण सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश, सिपाही धर्मेंद्र, सुशील तथा अनिल को शनिवार को सस्पेंड कर दिया गया. 23 हजार रुपये छीनने का भी दोष लगाया गया था. इस सिलसिले में एडीजी जोन अजय आनंद से कम्प्लेन की गई थी.
वही केस की इन्वेस्टिगेशन प्रशिक्षु आईपीएस ने की. इन्वेस्टिगेशन में आरोप सही पाए गए. शनिवार देर रात एडीजी के आदेश पर एसएसपी बबलू कुमार ने कार्यवाही कर दी. केस की कम्प्लेन केंद्रीय मंत्री से भी की गई थी. जोधपुर का एक तेल कारोबारी मुंशी नौ सितंबर को टाटा 407 में माल लेकर भोपाल से आगरा होते हुए जोधपुर जा रहा था. मेटाडोर में15 ड्रम डीजल था. इसका जीएसटी बिल भी था. आरोप के अनुसार, प्रातः लगभग नौ बजे मेटाडोर रुनकता इलाके में पहुंची. पुलिसकर्मियों ने रोक लिया. प्रवेश शुल्क के तौर पर एक हजार रुपये की डिमांड की.
साथ ही रुपये नहीं देने पर मुंशी तथा चालक जितेंद्र को चौकी पर ले आए. जितेंद्र को कुछ समय पश्चात् छोड़ दिया. तत्पश्चात, चौकी में पुलिसकर्मियों ने मुंशी मांगीराम चौधरी की धुनाई की. जेब में रखे 23 हजार रुपये छीन लिए. ड्रम सीज कर दिए. शाम लगभग चार बजे तक चौकी में अवैध हिरासत में रखा गया. इसके पश्चात् ही छोड़ा. वही केस की कम्प्लेन जोधपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से कम्प्लेन की गई थी. केस एडीजी जोन अजय आनंद के पास आया. उन्होंने केस की इन्वेस्टिगेशन प्रशिक्षु आईपीएस को दी. इन्वेस्टिगेशन में मारपीट की बात सही निकली. बिना पड़ताल के ड्रम सीज करने की बात सामने आई. प्रशिक्षु आईपीएस ने रिपेार्ट एडीजी को सौंपी. इसी के साथ पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.