उत्तर प्रदेश में लगातार तेजी से बढ़ रहा संक्रमण आम लोगों के साथ सांसद, विधायक, मंत्री, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी के साथ चिकित्सकों को भी अपनी चपेट में लेता जा रहा है। अब योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह जैकी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। प्रदेश के कारागार तथा लोक सेवा प्रबंधन राज्य मंत्री जय कुमार सिंह जैकी में शुक्रवार को संक्रमण की पुष्टि हुई है। उनसे पहले सरकार के 18 मंत्री कोरोना संक्रमित हुए थे, जिनमें दो की मृत्यु भी हो चुकी है।
योगी आदित्यनाथ सरकार में अपना दल कोटे से मंत्री जय कुमार सिंह जैकी ने सोशल मीडिया पर अपने संक्रमित होने की जानकारी की। जय कुमार सिंह जैकी फतेहपुर के जहानाबाद से अपना दल के विधायक हैं। मंत्री जय कुमार सिंह जैकी अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि कोरोना के प्रारम्भिक लक्षण दिखने पर गुरुवार को मैंने अपनी जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार मैंने स्वयं को घर पर आइसोलेट कर लिया है। मेरा निवेदन है कि पिछले एक सप्ताह के भीतर जो भी लोग मेरे संपर्क में आयें हैं, वे स्वयं को आइसोलेट कर लें एवं आवश्यकतानुसार अपनी जांच करा लें।
प्रदेश सरकार में इससे पहले 18 मंत्री कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह दो बार संक्रमित हुए हैं। इनके अलावा ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, विधि और न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धरम सिंह सैनी, खेल और युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, सिद्धार्थनाथ सिंह, मोहसिन रजा, बलदेव सिंह औलख, कोरोना से होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान और प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण की मौत हो गई थी।
योगी आदित्यनाथ सरकार की बड़ी उपलब्धि
प्रदेश सरकार कोविड टेस्ट मामले में लगातार इतिहास रच रही है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश में 150652 टेस्ट हुए और अब तक कुल टेस्ट 7217980 है। यह देश में सभी राज्यों से ज्यादा है। यूपी देश में सबसे ज्यादा टेस्ट कर रहा है जबकि पॉजिटिविटी रेट राष्ट्रीय औसत से आधा है। यह रेट प्रतिशत पॉजिटिव रेट के आधार पर है। मृत्यु दर भी नेशनल एवरेज से काफी कम है।