लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आए हैं. पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक दोनों ओर से आमने-सामने आए.
इस इलाके में भारतीय सेना के जवानों का कब्जा है, लेकिन चीनी सेना के 40-50 सैनिक इनके सामने आ गए. चीन की ओर से कोशिश की गई है कि भारतीय जवानों को हटाया जाए और उस रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए. हालांकि, चीनी सेना इसमें सफल नहीं हो पाई है.
आपको बता दें कि सोमवार की शाम को चीन की ओर से लद्दाख सीमा में घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जब भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो PLA के जवानों ने फायरिंग की. हवाई फायरिंग कर भारतीय सेना को डराने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने संयम बरता और चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया.
30 अगस्त की घटना के बाद से ही चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसे नाकामी मिली है. हर बार अपनी नाकाम कोशिश के बाद चीन की ओर से भारतीय सेना पर ही घुसपैठ का आरोप लगाया जाता है.
सोमवार की घटना के बाद भी चीनी विदेश मंत्रालय, चीनी सेना और चीनी मीडिया ने भारत पर घुसपैठ का आरोप लगाया और फायरिंग की बात कही. लेकिन भारतीय सेना ने अपने बयान में चीन के इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया.
दरअसल, भारतीय सेना ने जब से काला टॉप, हेल्मेट टॉप और पैंगोंग 4 इलाके के कुछ हिस्से पर अपना कब्जा किया है तभी से ही चीन की हालत पतली है. क्योंकि ये इलाके युद्ध और किसी भी अन्य वक्त में रणनीतिक तौर पर काफी अहम हैं, ऐसे में चीन की कोशिश है कि इन्हें तुरंत वापस लिया जाए. जिसमें वो सफल नहीं हो पा रहा है.