मिलिट्री एक्शन में मारे गए सैनिकों का किया अपमान
प्रगतिशील समूह वोटवेट्स ने उन परिवारों का एक वीडियो पोस्ट किया है जिनके सदस्य मिलिट्री कार्यवाहियों में मारे गए हैं. एक परिवार ने अपनी नाराजगी दिखाते हुए कहा कि आप नहीं जान सकते कि बलिदान करना किसे कहते हैं. ईरान और अफगानिस्तान युद्ध में लड़ चुके अमरीकी सैनिक पॉल रिकहॉफ ने तरुम द्वारा की गई इस टिप्पणी पर एक ट्वीट में कहा कि ट्रम्प की इस टिप्पणी से कौन बहुत हैरान है. विश्लेषकों का मानना है कि दुबारा चुनाव लड़ रहे ट्रम्प की इस तरह की टिप्पणियां उनके लिए घातक हो सकती हैं क्योंकि उन्हें मिलिट्री वोटरों के वोट की बहुत जरुरत है.
ट्रंप ने पेरिस में मारे गए सैनिकों के लिए कहा था यह हारे लोगों से भरा कब्रिस्तान है
द अटलांटिक के अनुसार ट्रम्प ने 2018 में पेरिस के बाहरी इलाके में स्थित एक अमेरिकी कब्रिस्तान की यात्रा यह कहकर रद्द कर दी थी कि यह हारे हुए लोगों से भरा (Filled with losers) कब्रिस्तान है. चार विश्वसनीय सूत्रों ने पत्रिका को बताया कि ट्रम्प ने कब्रिस्तान जाने के विचार को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि उस वक़्त बाहर हो रही बारिश से उनके बाल ख़राब हो जाएंगे. उनके अनुसार अमेरिका के युद्द के मृतक इतने महत्वपूर्ण नहीं है कि उनके लिए इतना कुछ किया जाए. उसी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प ने कथित तौर पर बिलोवुड में मारे गए 1800 अमेरिकी सैनिकों को सकर कहा.
पेरिस पर जर्मन सैनिकों के हमले को रोकने गई थी अमेरिकी सेना
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान इस लड़ाई से पेरिस पर जर्मन सैनिकों के हमले को रोकने में मदद मिली थी और इसे यूएस मरीन कॉर्प्स द्वारा सम्मानित किया गया है. व्हाइट हाउस ने इस यात्रा को रद्द करने की वजह खराब मौसम में राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर का खराब हो जाना बताया था. राष्ट्रपति ट्रम्प के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की हाल में आई किताब में इसपूरे प्रकरण का जिक्र मिलता है.
दी अटलांटिक की रिपोर्टिंग गुमनाम स्रोतों पर आधारित थी लेकिन एसोसिएटेड प्रेस ने कहा कि उसने कई टिप्पणियों की पुष्टि की है और फॉक्स न्यूज की एक संवाददाता ने कहा कि उसने भी कुछ टिप्पणियों की पुष्टि की है.
ट्रम्प ने इसे फर्जी खबर बताया और केली पर लगाया ये आरोप…
ट्रम्प ने इसे फर्जी खबर बताते हुए इन रिपोर्टों को नकारा है. उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुएबताया कि इस कहानी का स्रोत व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ़ स्टाफ जॉन केली थे, जो इस नौकरी के दबाव को संभालने में असमर्थ थे.