कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक से पहले पार्टी में नया बवाल पैदा हो गया था. असंतुष्ट नेताओं ने सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में नेतृत्व के स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन और सांगठनिक चुनाव कराने की मांग की थी. इसके बाद गांधी परिवार के कट्टर समर्थक नेताओं ने असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
CWC की बैठक में हुए बवाल के 10 दिन बाद फिर से असंतुष्ट नेता और गांधी परिवार के समर्थक नेता एक स्टेज पर नज़र आए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में संसद के आरंभ हो रहे मॉनसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति पर मंथन किया गया. बैठक में कांग्रेस नेताओं ने 14 सितंबर से प्रारंभ हो रहे संसद सत्र में प्रश्नकाल और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर बहस की इजाजत नहीं देने के फैसले का विरोध करने का फैसला लिया. इसके लिए कांग्रेस, समान विचारधारा वाली अन्य सियासी पार्टियों से भी बात करेगी.
इस मीटिंग में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद रहे. संसदीय पैनल ने कोरोना की वजह से प्रश्नकाल की इजाजत नहीं देने के सरकार के फैसले का समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर विरोध करने का फैसला लिया है. पैनल में शामिल नेताओं ने उन मुद्दों पर बातचीत की, जिन्हें संसद में कांग्रेस पार्टी उठाने वाली है.