देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार को पूरे देश में एक दिन में सबसे ज़्यादा मरीजों की संख्या बढ़ने का रिकॉर्ड बन गया जब एक दिन में क़रीब 84000 करोड़ नए मरीज़ों संक्रमित पाए गए. दिल्ली में भी गुरुवार को क़रीब 2900 नए मरीज़ मिले जो पिछले 66 दिनों में एक दिन में मिलने वाली सबसे बड़ी संख्या है.
इस बार सत्र चलाना किसी चुनौती से कम नहीं
कोरोना के साए में 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र को महामारी से बचाते हुए चलाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा. यही कारण है कि सत्र के दौरान कोरोना से बचाव का हर तरीका अपनाने की कोशिश की जा रही है. इसी प्रयास के तहत संसद की कार्यवाही में भाग लेने आने वाले सांसदों के लिए कोरिना से बचाव का एक प्रोटोकॉल और एसओपी तैयार किया गया है. प्रोटोकॉल में संसद भवन आने के 72 घण्टे पहले सभी सांसदों को कोरोना जांच कराने की सलाह दी गई है. ऐसा नहीं करने पर सांसदों को संसद भवन में प्रवेश करने के पहले कोरोना जांच से गुज़रना होगा.
रैपिड एंटीजन टेस्ट भी कराया जाएगा
प्रोटोकॉल के मुताबिक़, अगर कोई सांसद बाहर से जांच करवाए बिना संसद भवन पहुंचता है तो उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया जाएगा. एंटीजन टेस्ट का परिणाम अगर नेगेटिव आता है तो सांसद को अंदर जाकर संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मिलेगी. हालांकि नेगेटिव आने के बाद भी अगर किसी सांसद में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे संसद भवन में प्रवेश की इजाज़त नहीं दी जाएगी. संसद भवन में बनाए गए विशेष जांच केंद्र पर ऐसे सांसदों का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा. इस टेस्ट का नतीजा 24 घण्टे के भीतर दे दिया जाएगा और तबतक सांसद को अपने घर में ही एंट्री मिलेगी.
परिवार और निजी स्टॉफ की भी करानी होगी जांच
प्रोटोकॉल में सभी सांसदों को सलाह दी गई है कि वो अपने परिवार, अपने निजी स्टॉफ और घर में काम करने वाले नौकर और नौकरानियों का भी संसद भवन में जांच करवाएं. सांसदों को सलाह दी गई है कि इनमें से किसी के भी पॉजिटिव आने पर वो संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लें और 14 दिनीं के क्वारन्टीन में चले जाएं.
सांसदों के लिए संसद भवन के स्वागत कक्ष में 11 सितंबर से आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजेन टेस्ट करवाने की सुविधा शुरू हो जाएगी. इसके अलावा सांसदों को दो ग़ज़ दूरी और मास्क लगाने जैसे कोरोना से बचाव की अन्य सावधानियां भी बरतने को कहा गया है.