कोरोना संकट ने भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं की कमर तोड़ दी है. सोमवार को आए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही जीडीपी के आंकड़ों से इस बात का पता चलता है. अप्रैल-जून तिमाही में भारती की जीडीपी ग्रोथ 40 साल में पहली निगेटिव हुई है. नई रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की जीडीपी- 23.9 फीसदी तक गिरने के बाद अब पूरे वित्त वर्ष में ये 10.9 फीसदी तक गिर सकती है.
आईएमएफ की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था जी-20 देशों में सबसे बुरी हालत में रह सकती है. उन्होंने कहा है कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2020) में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर ऐतिहासिक कमजोरी देख सकती है.
इससे पहले मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने कहा था कि जी-20 देशों की अर्थव्यवस्था में 2020 की पहली छमाही में बड़ी गिरावट आ सकती है. जीडीपी में कमजोरी का यह अनुमान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जी-20 दुनिया की सबसे बड़ी विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है. भारत भी इस समूह का सदस्य है. दुनिया की दो-तिहाई से अधिक आबादी जी-20 अर्थव्यवस्था में रहती है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर गीता गोपीनाथ ने ट्वीट कर बताया मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जी-20 देशों की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का असर देखा जा रहा है. जी-20 देशों की इकनॉमी की ग्रोथ निगेटिव जोन में बनी रह सकती है. इस समूह में भारत की जीडीपी 25.6 फीसदी तक निगेटिव रहने की आशंका है.
आईएमएफ़ की अर्थशास्त्री गीता ने लिखा कि ये आंकड़े तिमाही दर तिमाही आधार के हैं, इनकी तुलना किसी साल से नहीं की जानी है. उन्होंने कहा कि साल 2020 की तीसरी तिमाही में जी-20 देशों की जीडीपी में सुधार आने की उम्मीद है. इस साल की पहली तिमाही में कमजोरी देखने के बाद चीन की जीडीपी दूसरी तिमाही में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.