आज से पितृपक्ष शुरू हो चुका है. ऐसे में कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाए तो विशेष फल मिलते हैं. जी दरअसल पितृपक्ष में पितर देव स्वर्गलोक से धरती पर अपने परिजनों से मिलने के लिए आते हैं. इस दौरान जो व्यक्ति अपने पितरों का तर्पण नहीं करता है, उसे पितृदोष लग जाता है और फिर उसके जीवन में नाना प्रकार की समस्याएं आने लगती हैं. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन 7 कामों के बारे में जो पितृपक्ष के दौरान नहीं करने चाहिए.
पितृपक्ष में न करें यह काम-
1. कहा जाता है पितृपक्ष के दौरान शुभ कार्य जैसे- विवाह, गृहप्रवेश आदि नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दौरान नए सामान की खरीदारी से भी परहेज करें. इसी के साथ कर्ज लेकर या दबाव में श्राद्ध कर्म न करें.
2. ध्यान रहे पितृपक्ष में लहसुन और प्याज से बना भोजन न करें. इसके अलावा कांच के बर्तनों का इस्तेमाल भी न करें.
3. शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष की 15 दिन की अवधि में पितृ किसी भी रूप में आपके घर आ सकते हैं इस कारण दहलीज पर आए किसी व्यक्ति या पशु का अनादर न करें. उन्हें भोजन करवाए.
4. कहते हैं पितृपक्ष में चना, दाल, जीरा, काला नमक, लौकी और खीरा, सरसों का साग नहीं खाना चाहिए.
5. ध्यान रहे पितृपक्ष के दिनों में मांस, मछली कभी न खाएं. जी दरअसल श्राद्ध में तामसिक भोजन की बजाए सात्विक भोजन करना चाहिए.
6. इस दौरान प्रयाग या बद्रीनाथ में श्राद्ध करना चाहिए.
7. कहा जाता है श्राद्ध से जुड़े रिवाज शाम, रात, सुबह या अंधेरे के वक्त कभी नहीं करना चाहिए. इन्हे तब ही करना चाहिए जब सूर्य का प्रकाश चारों ओर दिखाई दे.