मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना के हजारों एटीएम कार्ड बोरियों में भरकर नदी में बहाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बैतूल के भीमपुर से सटी एक पहाड़ी नदी में एटीएम कार्डों से भरी 5 बोरियां दिखने के बाद हड़कंप मच गया है।
लोगों ने बहते पानी से निकाले बाहर
जब स्थानीय लोगों ने पानी में बहते हुए एटीएम कार्ड देखे तो अचरज में पड़ गए। लोगों ने बोरियों में भरे एटीएम कार्ड पानी से बाहर निकाले तो ये सभी कार्ड भीमपुर की सेंट्रल बैंक ब्रांच के पाए गए। इन कार्ड्स में से कुछ पर ही चिप थी और अधिकतर कार्ड बिना चिप के थे। कार्ड्स पर बाकायदा उपभोक्ताओं के नाम भी हैं।
उपभोक्ताओं तक समय पर नहीं पहुंचाए गए हो!
हो सकता है कि इन सभी कार्ड्स को उपभोक्ताओं तक समय पर पहुंचाया नहीं गया हो जिसके चलते इनकी वैधता खत्म हो चुकी हो। लेकिन नियमों के अनुसार बिना वैधता वाले एटीएम कार्डों को एक निश्चित प्रक्रिया के तहत डिस्पोज किया जाना चाहिए। जो शायद नहीं किया गया और उन्हें कचरे की तरह नदी में बहा दिया गया।
बैंक अधिकारियों से पूछताछ, मचा हड़कंप
पानी में इतने कार्ड बहते मिलने को लेकर इस मामले में सेंट्रल बैंक भीमपुर ब्रांच मैनेजर से पूछताछ की जा रही है। वहीं इस घटना से बैंक के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े रहे हैं। बैंक के उच्चाधिकारियों तक बात पहुंचने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
पहले भी विवादों में रही है ब्रांच
सेंट्रल बैंक की भीमपुर ब्लॉक की ब्रांच पहले भी विवादों में रही है। कभी फर्जी लोन के मामले तो कभी आदिवासियों से ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री की सबसे महत्त्वपूर्ण योजनाओं में से एक जनधन योजना से जुड़ा मामला सामने आने पर इसकी उच्चस्तरीय जांच होने की पूरी संभावना है।