तेलंगाना सरकार जल्द ही में जीएसटी मुआवजे के भुगतान को लेकर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के सामने रखे गए प्रस्तावों पर फैसला करने वाली है. जी दरअसल मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में आज यानी सोमवार को होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में अंतिम निर्णय लेने के बारे में कहा गया है. जी दरअसल केंद्र सरकार एक देश और एक कर नीति के साथ साल 2017 से जीएसटी लागू करने के लिए काम कर रहा है. वहीं पेट्रोल और शराब को छोड़कर केंद्र ने लगभग सभी चीजों को जीएसटी परिधि में लाना उचित समझा. वैसे इससे राज्य सरकारों ने भारी नुकसान होने के बारे में कहा गया है.
आप सभी को बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्यों को पांच साल तक नुकसान की भरपाई करने पर भी सहमती जताई है. वैसे आप जानते ही होंगे कि हर साल और बीते साल की जीएसटी के आय में 14 फीसदी अधिक जोड़कर एक ‘बेंचमार्क’ निर्धारित करते हैं. वहीं अगर राजस्व उस राशि से कम होता है, तो केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के नाम पर राज्यों को घाटे का भुगतान करने में लग जाती है. वहीं इस बार फैलने वाली कोरोना महामारी का असर जीएसटी राजस्व पर देखने के लिए मिला है. वहीं इस बार आपने देखा होगा कि राजस्व में तेजी से गिरावट आई है और इसी के कारण राज्य सरकारें मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र पर काफी दबाव डालने का काम कर रही है.
बीते दिनों ही 41वीं परिषद की बैठक हुई थी और इस बैठक में केंद्र सरकार ने राज्यों के सामने जीएसटी मुआवजे मुद्दे पर दो प्रस्ताव रख दिए थे. इनमे पहला प्रस्ताव 97,000 करोड़ रुपये का लागत व्यय का है और दूसरा प्रस्ताव था, कोरोना के चलते हुए 2.37 लाख करोड़ रुपये नुकसान जीएसटी को कर्ज द्वारा एकत्रित किया जाएगा. अब खबरें हैं इसी संदर्भ में तेलंगाना सरकार अपने निर्णय की घोषणा करने वाली है.