गणेश विसर्जन की तैयारियां मुंबई समेत पूरे देश में शुरू हो गई हैं. रिद्धि-सिद्धि और बुद्धि के दाता भगवान गणेश का जन्म दिन महोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है. गणेश महोत्सव गणेश चतुर्थी की तिथि से आरंभ होता है. घर में गणेश जी की स्थापना से ही गणेश महोत्सव का आरंभ माना जाता है. देश में गणेश महोत्सव का आरंभ 22 अगस्त हुआ था. जो अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा.
गणेश विसर्जन की पूजा
गणेश विसर्जन से पूर्व विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान गणेश जी को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. पूजा और आरती के बाद भक्तिभाव से विसर्जन किया जाता है. विसर्जन से पूर्व भगवान गणेश से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना की जाती है.
गणेश विसर्जन की कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश को महाभारत को लेखन कार्य की जिम्मेदारी सौंपी थीं. गणेश जी को बिना रूके लेखन कार्य को जारी रखना था. महाभारत की कथा वेद व्यास जी ने भगवान गणेश जी को लगातार सुनाई थी. जिस कारण गणेश जी बिना रूके कथा को लिखते रहे. महाभारत की कथा आरंभ करने के बाद जब दसवें दिन जब महर्षि वेदव्यास जी ने अपनी आंखें खोलीं तो पाया कि गणेश के शरीर का तापमान बहुत बढ़ा हुआ है. महर्षि वेदव्यास ने गणेश जी के शरीर का ताप कम करने के लिए तुरंत पास के एक जलकुंड से ठंडा जल लाकर गणेश जी के शरीर पर डालना आरंभ कर दिया. जिस दिन गणेश जी के शरीर पर जल प्रवाहित किया उस दिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी की तिथि थी. इसी कारण गणेश जी का विसर्जन चतुर्दशी की तिथि को किया जाता है.
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
प्रात:काल का मुहूर्त: सुबह 09:10 बजे से दोपहर 01:56 बजे तक
गणेश विसर्जन का दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 15:32 बजे से सांय 17:07 बजे तक
गणेश विसर्जन का शाम का मुहूर्त: शाम 20:07 बजे से 21:32 बजे तक
गणेश विसर्जन का रात्रिकाल मुहूर्त: रात्रि 22:56 बजे से सुबह 03:10 बजे तक है.