बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर कॉलोनी में शुक्रवार दोपहर आश्रय होम्स नाम से महिलाओं के लिए बने अल्पावास में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंच गए. पहली बार में तो यह लगा कि मुजफ्फरपुर कांड के बाद जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के सभी बालिका गृह और अल्पावास के जांच के आदेश दिए थे, उसी क्रम में आश्रय होम्स में भी समाज कल्याण विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे, हालांकि, मामला कुछ और ही निकला.
दरअसल, नेपाली नगर में जिस जगह आश्रय होम अल्पावास गृह बना हुआ है, उसके ठीक बगल में एक मकान है जिसमें बनारसी नाम का एक व्यक्ति अपने परिवार वालों के साथ रहता है. बुधवार की रात अल्पावास गृह की खिड़की का जंगला काटकर चार लड़कियों ने भागने की कोशिश की. मगर उनकी यह कोशिश नाकामयाब हो गई जब अल्पावास गृह के गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया.
शुक्रवार की सुबह जब पुलिस और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी अल्पावास गृह की जांच करने आए तो उन्होंने पड़ोसी बनारसी को गिरफ्तार कर लिया. बनारसी पर अल्पावास गृह में रहने वाली लड़कियों को भगाने का आरोप है.
पुलिस के मुताबिक अल्पावास गृह में 75 महिलाएं रहती हैं जिनमें ज्यादातर मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. पुलिस के मुताबिक बनारसी अल्पावास गृह में रहने वाली महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करता था और उन्हें वहां से भगा कर अपने साथ रखने की बातें किया करता था. पुलिस ने बताया कि अल्पावास गृह में रहने वाली महिलाओं ने बात करने के दौरान बताया कि उन्हें बनारसी लगातार छेड़ता था.
अल्पावास गृह के संचालक चिरंतर कुमार ने कहा कि बनारसी लगातार वहां रहने वाली महिलाओं को बहला-फुसलाकर उनकी शादी कराने की बात करता था और उन्हें भगाने की कोशिश भी किया करता था.
हालांकि, अल्पावास गृह के आसपास रहने वाले लोग इस पूरी घटना को लेकर कोई और ही कहानी बता रहे हैं. अल्पावास गृह के पास रहने वाले लोगों ने बताया है कि अक्सर यहां से महिलाओं के चीखने चिल्लाने की आवाज आया करती है.