पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जौनपुर के लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 23 जुलाई को एडीजे प्रथम ने संतोष विक्रम सिंह को जमानत दे दी थी.
10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था
प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने आरोप लगाया था कि धनंजय सिंह जबरन गिट्टी, बालू आपूर्ति के लिए दबाव डालते हुए उसे धमकी दी थी. अपहरण कर उसे धनंजय के घर ले जाया गया था. घर पर धनंजय ने पिस्टल दिखाकर उसे धमकी दी. अपनी शिकायत में उन्होंने धनंजय पर रंगदारी मांगने, अपहरण और हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया था.
अभिनव सिंघल जिस कंपनी में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर (पीएस) कार्यरत हैं, उस कंपनी के पास जौनपुर में 300 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाने का टेंडर भी है. उन्होंने धनंजय सिंह के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी.
27 साल की उम्र में बने विधायक
2002 के विधानसभा चुनाव में महज 27 साल की उम्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंच सबको चौंका देने वाले धनंजय सिंह 2007 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर विधायक चुने गए थे. इसके बाद में वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए.
बसपा के टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और धनंजय ने जीत दर्ज कर संसद में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.