गोरखपुर के कोतवाली इलाके का रहने वाला हनीफ उर्फ आरिफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करता था। लखनऊ से आई एटीएस की टीम ने दो दिन पहले उसे हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। पूछताछ में उसने एयरफोर्स स्टेशन, कूड़ाघाट स्थित गोरखा रेजीमेंट और रेलवे स्टेशन की फोटो भेजने की बात कबूल की है। बताते हैं कि हनीट्रैप के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने उसे अपने जाल में फंसाया था। वाट्सएप ग्रुप के जरिए वह ISI को जानकारी भेजता था।
कई बार पाकिस्तान जा चुका है हनीफ
हनीफ के बारे में शुरुआती जानकारी सेना से जुड़ी खुफिया एजेंसियों ने एकत्र की थी। बाद में एटीएस ने उस पर काम करना शुरू किया। हनीफ की रिश्तेदारी पाकिस्तान में है। वर्ष 2014 से 2018 के बीच वह पाकिस्तान आता जाता रहा है। बताते है कि इसी दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने उसे हनीट्रैप के जरिए उसे अपने जाल में फंसा लिया और ब्लैकमेल कर उसे अपने लिए जासूसी करने के काम में लगा दिया। खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर एटीएस, हनीफ पर पांच अगस्त को अयोध्या में राम जन्मभूमि पर हुए कार्यक्रम को लेकर लगातार नजर रख रही थी। दो दिन पहले उसे गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास से हिरासत में लेकर लखनऊ चली गई।
गिरफ्त में आने से पहले फार्मेट कर दिया था मोबाइल फोन
हनीफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के वाट्स एप ग्रुप पर सूचनाएं भेजता था। एटीएस के नजर में आ जाने की भनक उसे लग गई थी। इसीलिए उसकी गिरफ्त में आने से पहले ही हनीफ ने अपना मोबाइल फोन फार्मेट कर दिया था। जिससे फोन में स्टोर सारा डॉटा गायब हो गया है। इसीलिए पूछताछ में आइएसआइ के लिए काम करने की बात उसके कबूल करने के बाद भी कोई इलेक्ट्रानिक या अन्य ठोस साक्ष्य न मिलने की वजह से हिरासत में लिए जाने के दो दिन बाद ही एटीएस को उसे छोडऩा पड़ा। फिलहाल उस पर नजर रखी जा रही है। एटीएस सूत्रो के मुताबिक पूछताछ के लिए उसे दोबारा हिरासत में लिए जा सकता है।
एटीएस ने शुरू किया आपरेशन गोरखधंधा
हनीफ से पूछताछ के बाद एटीएस ने गोरखपुर से लेकर नेपाल सीमा तक फैले आतंकी नेटवर्क का पता लगाने के लिए आपरेशन गोरखधंधा शुरू किया है। हनीफ ने पूछताछ में आइएसआइ के लिए काम करने की बात कबूल करने के साथ ही कई अहम जानकारियां दी हैं। आपरेशन गोरखधंधा के तहत उन जानकारियों की पुष्टि करने के साथ ही नेटवर्क से जुड़े दूसरे लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। इस आधार पर एटीएस सूत्रों ने बहुत जल्दी कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने का संकेत दिया है।
पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ा
एटीएस के एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में गोरखपुर के युवक को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया है। नेटवर्क से जुड़े दूसरे लोगों के बारे में पता लगाने के लिए विशेष आपरेशन चलाया जा रहा है। बहुत जल्दी इसका नतीजा सामने आएगा।