उत्तराखंड रोडवेज बुरे दौर से गुजर रहा है। पहले से उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कोरोना काल ने और परेशान कर दिया। सप्ताह में पांच दिन तो जैसे-तैसे परिवहन निगम की बसें डीजल आदि के पैसे निकाल लेती हैं। मगर शनिवार-रविवार को यूपी में लॉकडाउन होने से यह खर्चा निकालना भी मुश्किल हो जाता है। रविवार को हल्द्वानी स्टेशन पर दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। मजबूरी में कम सवारियां लेकर बसें रवाना करनी पड़ रही थी।
25 जून से रोडवेज की बसें दोबारा चलनी शुरू हुई थी। फिलहाल का संचालन का दायरा कुमाऊं तक सीमित है। ऐसे में उत्तराखंड की बसें पुलभट्टा, रुद्रपुर और जसपुर बार्डर से आगे नहीं जा रही। इन तीनों जगहों पर यूपी रोडवेज की बसों का अस्थायी स्टैंड बना है। जहां से लखनऊ, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, सहारनपुर आदि गंतव्य मार्गों को जाने वाले यात्री यूपी की बसों में शिफ्ट हो जा रहे हैं। वहीं, दूसरे राज्य में दो दिन वीकली लॉकडाउन होने से कुमाऊं के लोग भी शनिवार-रविवार को सफर पर बेहद कम निकल रहे हैं। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक पर्वतीय व मैदानी रूट पर करीब अस्सी बसों का संचालन किया जा रहा है।
नेपाल के गेट बंद होने से भी दिक्कत
रोडवेज संचालन केंद्र में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि जब से नेपाल ने बार्डर एरिया का गेट बंद किया है। टनकपुर व बनबसा रूट की सवारियां मिलना भी मुश्किल हो गया। क्योंकि, सवारियों में अधिकांश नेपाली लोग होते थे। ऐसे में यह रूट भी घाटे का सौदा साबित हो रहा।
पहले दिन 7900 और सबसे ज्यादा 1.51 लाख कमाई
कुमाऊं में लॉकडाउन के बाद रोडवेज बसों का संचालन 25 जून से किया गया। पहले दिन पहाड़ से मैदान तक बसें दौड़ाने से 7900 रुपये मिले। अब औसत करीब 60-70 हजार पहुंच चुका। वहीं, सबसे ज्यादा कमाई 17 अगस्त को हुई थी। तब बसों के फेरों से एक लाख 51 हजार मिले। डीजल खर्च की बात करें तो हल्द्वानी डिपो की बसों को रोजाना करीब 1100 लीटर डीजल चाहिए।
अब सबसे लंबा रूट नारायण नगर
बीच में यूपी पडऩे की वजह से कुमाऊं की बसें सीधा दून भी नहीं जा रही। दून जाने वाले यात्री ट्रेन का सफर कर रहे। फिलहाल सबसे छोटा रूट हल्द्वानी टू रुद्रपुर और लंबा हल्द्वानी से नारायण नगर (पिथौरागढ़) हो चुका। नारायण नगर 253 किमी दूर है। यशपाल सिंह, आरएम संचालन कुमाऊं ने बताया कि यूपी में लॉकडाउन होने से शनिवार-रविवार को उत्तराखंड रोडवेज को फर्क तो पड़ रहा है। फिलहाल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर खासा फोकस है। उम्मीद है कि स्थिति सुधरेगी।