शारीरिक स्वस्थता के लिए स्वच्छता है बहुत जरूरी
हाथों की स्वच्छता रखें व बाहर मास्क जरूर लगाएं
स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ पेयजल का करें उपयोग
लखनऊ : शारीरिक स्वस्थता के लिए जीवन में स्वच्छता के मापदंडों का पूरी तरह से पालन करना बहुत ही जरूरी है। कोविड-19 के दौर में तो इसकी जरूरत और भी बढ़ गयी है। इनमें कुछ प्रमुख आदतें ऐसी हैं जिनको अपनाकर हम कोरोना को भी मात देने में बहुत कुछ सफल हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अपने जागरूकता कार्यक्रमों के दौरान बार-बार इन आदतों को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील करने में जुटा है। चिकित्सकों का भी यही कहना है कि स्वच्छता की आदतों को अपनाकर हम कई बीमारियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
दिन में कई बार हाथ धोएं
आयुष चिकित्सक डॉ.अवधेश द्विवेदी का कहना है कि हाथों के जरिये मुंह व नाक के रास्ते होते हुए शरीर के अन्दर कई बीमारियाँ पहुँचती हैं। इसलिए हाथों की स्वच्छता की आदत अपनाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। यह ध्यान रहे कि शौच के बाद, खांसने-छींकने के फ़ौरन बाद, बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद और खाना बनाने व खाने से पहले साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से हाथों को अवश्य धुलें । कोरोना से बचने के लिए बाहर से घर आने पर साबुन-पानी से पहले हाथ व पैर अच्छी तरह धुलें तभी अन्दर प्रवेश करें। इसके अलावा कोई वस्तु या सतह को छूने के बाद भी हाथों को धुलें।
बाहर हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें
एरा मेडिकल कालेज की डॉ.तनया त्रिपाठी का कहना है कि छींकने व खांसने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए खुद के साथ दूसरों को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि जब भी बाहर निकलें तो मास्क से अपने मुंह व नाक को अच्छी तरह से ढक लें। मास्क ऐसा इस्तेमाल करना चाहिए, जो सूती कपड़े का बना हो और जिसको अच्छी तरह से धुलकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। आम लोगों को एन-95 मास्क के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्यकर्मियों व उपचाराधीन के लिए ही जरूरी है। इसके अलावा संक्रमण से बचने के लिए एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखना भी बहुत जरूरी है। भीडभाड वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें।
शौचालय का करें इस्तेमाल
केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद् के पूर्व सदस्य डॉ.अनुरुद्ध वर्मा का कहना है कि लोगों को बीमारियों से बचने के लिए शौचालय का ही इस्तेमाल करना चाहिए और उसकी सही तरीके से सफाई भी जरूरी है। खुले में शौच से जहाँ पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीँ भूजल व कृषि उत्पाद भी प्रदूषित होते हैं। इसके अलावा खुले में शौच से डायरिया, हैजा व टाइफाइड जैसी बीमारियां भी फैलती हैं। इसलिए खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि नियमित तौर पर शौचालय का ही इस्तेमाल करें और उसको साफ़-सुथरा रखें ताकि बीमारियों से बच सकें।
सार्वजनिक जगहों पर न थूकें
सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात पाण्डेय का कहना है कि सार्वजानिक स्थलों पर थूकने पर सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा रखी है क्योंकि इससे लोगों के कोरोना की चपेट में आने की ज्यादा गुंजाइश रहती है। अब जिम्मेदार नागरिक बनकर हमें इसका पालन भी करना चाहिए क्योंकि इससे कोरोना ही नहीं बल्कि सैकड़ों अन्य बीमारियाँ भी फैलती हैं। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भी इसको दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके लिए जरूरी है कि अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत बनाएं और इस बुरी आदत को हमेशा के लिए ख़त्म कर दें।
पेयजल को साफ़ व सुरक्षित रखें
आयुष चिकित्सक डॉ.विनीता का कहना है कि बीमारियों से बचने के लिए हमेशा स्वच्छ पेयजल का ही इस्तेमाल करना चाहिए। पेट से सम्बंधित अधिकतर बीमारियाँ दूषित पेयजल से ही होती हैं, जैसे- दस्त, पीलिया, हैजा, टाइफाइड आदि। इसलिए पीने वाले पानी को हमेशा ढककर रखें। आजकल बारिश के मौसम में पानी को उबालकर रख लेना चाहिए और गुनगुना होने पर ही पीना चाहिए।