लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्राविधान के अनुसार लखनऊ एवं मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन की स्वीकृति प्रदान कर दी। लखनऊ के अधिकरण में 12 और मेरठ के दावा अधिकरण के कार्य क्षेत्र में छह मंडलों के जिले शामिल होंगे। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उप्र देश का पहला राज्य है जहां यह कदम उठाया गया है। इस अधिकरण का गठन उपद्रवियों के खिलाफ एक बड़ा कदम है। प्रवक्ता ने बताया कि उपद्रवों के दौरान जिन जिन लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुँचा है, वे इन अधिकरणों में क्लेम करेंगे और अधिकरण वसूली करा कर क्लेम सुनिश्चित कराएगी। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने के आरोपितों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के मामले में मुख्यमंत्री योगी का यह बड़ा कदम माना जा रहा है। इस मामले में योगी सरकार ने मार्च महीने में ही उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 पारित किया था। इसी नियमावली के प्राविधान के तहत अब राजधानी लखनऊ और मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
लखनऊ के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विन्ध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी। वहीं मेरठ के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली और आगरा मंडल की दावा याचिकाओं का विचारण किया जाएगा। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इन अधिकरणों को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी। इनका फैसला अंतिम होगा और उसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकेगी। ये अधिकरण राजनीतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों, आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए सुनवाई करेंगे।