अब विदेशों में भी करेगा काम यूपी राजकीय निर्माण निगम : केशव मौर्य

ग्लोबल टेण्डर की यूनिट स्थापित करने के निर्देश
डिप्टी सीएम ने की निगम के कार्यों की समीक्षा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अब विदेशों में भी काम करेगा। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसके लिए निगम में एक अलग यूनिट स्थापित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने निगम की परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने का भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है। उप मुख्यमंत्री गुरुवार को राजधानी स्थित लोक निर्माण विभाग के तथागत सभागार में उप्र राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजकीय निर्माण निगम की आय को बढ़ाने के हर सम्भव उपाय किये जायें। देश व विदेश के टेण्डरों में भी राजकीय निर्माण निगम सहभागी बनकर विदेशों में भी अपनी शाख बनाए। ग्लोबल टेण्डर के लिये एक यूनिट स्थापित की जाये।

श्री मौर्य ने निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि जो परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं, उन्हें तत्काल सम्बन्धित विभागों को हैण्डओवर कराया जाये। यह भी कहा कि जिन विभागों द्वारा हैण्डओवर करने में आनाकानी की जा रही है, उनके उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करके गतिरोधों को दूर करते हुये हैण्डओवर का कार्य अतिशीघ्र सम्पन्न कराया जाये। उप मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि जो परियोजनाएं प्रगतिशील हैं, उनके पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित की जाये और उन्हें तय समय में पूरी की जाये। गौरतलब है कि राजकीय निर्माण निगम के 18 अंचलों द्वारा उप्र के अन्दर व सात अंचलों द्वारा उत्तर प्रदेश के बाहर अन्य कई प्रान्तों में कार्य कराये जा रहे हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम अपने कार्यों का विस्तार करने की योजना बनाए। बैठक में बताया गया कि राजकीय निर्माण निगम प्रतिवर्ष पांच हजार करोड़ रुपये की धनराशि के कार्य करने की क्षमता रखता है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि उप्र राजकीय निर्माण निगम के प्राॅफिट को और अधिक बढ़ाने के हर सम्भव प्रयास किये जाये। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के 40 लाख रुपये तक के ठेकों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत व अनुसूचित जाति को 21 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति को दो प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की प्रक्रिया अन्तिम दौर में चल रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि सेतु निगम व उप्र राजकीय निर्माण निगम भी 40 लाख रुपये तक के ठेकों में लोक निर्माण विभाग की तरह आरक्षण का प्राविधान किये जाने का ड्राफ्ट प्रस्तुत करें।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अंचलवार कार्यों की गहन समीक्षा की जाये और जहां अच्छे कार्य हों वहां के स्टाफ को प्रोत्साहित किया जाये। लेकिन, जहां से अपेक्षित परिणाम न आये वहां पर दण्डात्मक कार्यवाही भी की जाय। उन्होंने कहा कि निगम के जो टेण्डर अवशेष हों वे तत्काल कर लिये जाये। श्री मौर्य ने कहा कि 10-10 ठेकेदारों को बुलाकर उनकी बैठक की जाये तथा उनकी समस्याएं सुनकर नियमानुसार निराकरण किया जाये। उन्होंने कहा कि राजकीय निर्माण निगम के संगठनात्मक ढ़ांचे को मजबूत करने का भी निर्देश दिया और कहा कि यदि मैनपाॅवर की कमी होगी, तो उसे भी दूर किया जायेगा। बैठक में राज्य मंत्री लोक निर्माण विभाग चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख सचिव लोनिवि नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव रंजन कुमार, विभागाध्यक्ष लोनिवि राजपाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक राजकीय निर्माण निगम सत्य प्रकाश, मुख्य अभियन्ता भवन आरके सक्सेना, ओएसडी प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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