प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खुद बीमार, लोग साइकोलॉजिकल हताशा के शिकार : अखिलेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं बुरी तरह बीमार हैं। स्थिति इतनी गम्भीर है कि सत्तारूढ़ दल के ही एक दर्जन मंत्री एवं विधायक कोविड-19 की चपेट में हैं। एक कैबिनेट मंत्री की दुःखद मृत्यु हो चुकी है। भाजपा सरकार ने साढ़े तीन वर्ष में कौन सी मेडिकल सुविधाएं विकसित की हैं? ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इससे लोगों में भय व्याप्त है और मनोवैज्ञानिक रूप से वे हताशा के शिकार हो रहे हैं। लगातार पांच महीनों से तमाम प्रतिबंधों में रहते हुए परिवार परेशान हो रहे हैं। सैकड़ों आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं। बच्चों के स्कूल-काॅलेज भी बंद चल रहे हैं। भाजपा सरकार के तमाम दिशा निर्देशों का पालन भी धीरे-धीरे घटता जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। यहां तक कि गम्भीर मरीज भी इलाज के लिए घंटों तड़पते रहते हैं। कोरोना जांच की व्यवस्था भी चरमराई हुई है। अखिलेश यादव ने कहा कि भूख-प्यास, उपचार और स्वच्छता से रिक्त उत्तर प्रदेश कोविड-19 व्यवस्था मरीजों को और ज्यादा बीमार कर रही है। व्यवस्था में लगे लोग भी उसकी चपेट में आ रहे है। कोरोना वारियर्स भी अब सरकारी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। जब उन्हें ही घटिया खाना दिया जाएगा, सही इलाज और देखरेख नहीं होगी तो उनका मनोबल घटना तय है। जनसामान्य तो वैसे भी रामभरोसे रहने को विवश है।

उन्होंने कहा कि आज की बदहाली के लिए भाजपा सरकार स्वयं जिम्मेदार है। सरकार का ध्यान बीमारी से निबटने में नहीं है। सरकार की प्राथमिकता में कोरोना से बचाव होना चाहिए। क्या कारण है कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बीमारी से लोग प्रभावित हो रहे हैं। सपा मुखिया ने कहा कि समाजवादी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए थे। मरीजों के इलाज के लिए 108 और 102 नम्बर एम्बूलेंस सेवाएं, एक रूपए के पर्चे पर इलाज और सभी जांचे मुफ्त तथा गम्भीर रोगों कैंसर, किडनी, दिल और लीवर के भी मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई थी। भाजपा ने इन सभी व्यवस्थाओं को चैपट कर दिया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाये कि कानून व्यवस्था की तरह कोरोना बीमारी भी पूरी तरह से अराजक हो चली है। सरकार ने अपनी हठधर्मी से विपक्ष की उचित सलाह भी नहीं मानी। भाजपा सरकार अपनी अदूरदर्शिता तथा गलत नीतियों के चलते स्थिति को सुधारने के बजाय और ज्यादा बिगाड़ने में तुली है। मुख्यमंत्री अपने संवैधानिक दायित्व के निर्वहन से विरत क्यों हैं? जनता इसका जवाब चाहती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com