अयोध्या : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को रामराज्य की अवधारणा से जोड़ते हुए बुधवार को कहा कि मंदिर के लिये संघर्ष की इस परिणति ने लोकतांत्रिक पद्धति और संविधान सम्मत तरीके से समस्याओं के समाधान की भारत की ताकत का एहसास कराया है। मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में मंदिर निर्माण के भूमि पूजन अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि यह केवल मंदिर निर्माण के कार्यक्रम का शुभारंभ ही नहीं बल्कि उसे भारत को दुनिया के सामने पेश करने का अवसर भी है जिसे आज से छह वर्ष पहले प्रधानमंत्री ने रामराज्य की अवधारणा को चरितार्थ करने के लिए आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि रामराज्य, जिसमें किसी के साथ जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होगा। ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को चरितार्थ करते हुए जिस कार्यक्रम को छह वर्ष पहले आगे बढ़ाया गया था, भगवान राम का भव्य दिव्य मंदिर उनकी कीर्ति के अनुरूप भारत के यश और कीर्ति को देश और दुनिया में इसी के रूप में आगे बढ़ाने का काम करेगा। ‘जय श्री राम’ के साथ अपना सम्बोधन शुरू करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 वर्षों का एक लंबा बड़ा और कड़ा संघर्ष हुआ, लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से लोकतांत्रिक पद्धति से और संविधान सम्मत तरीके से समस्याओं का समाधान कैसे हो सकता है, भारत ने दुनिया के सभी ताकतों को इस बात का एहसास कराया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जो सपना हम सब ने देखा है, मुझे लगता है कि उसका एहसास तीन वर्ष पहले अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन के साथ आप सबने किया होगा। उस कार्यक्रम को उस रूप में जोड़ने के लिए जो कार्यक्रम शुरू हुआ था, आज उस कार्यक्रम की सिद्धि के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों इस अवसर पर राम जन्मभूमि के भव्य मंदिर की निर्माण कार्य के भूमि पूजन का फल हम सब को देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का काम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास करेगा लेकिन अवधपुरी को दुनिया की सबसे वैभवशाली और सबसे समृद्धशाली नगरी के रूप में भौतिक विकास की दृष्टि में सांस्कृतिक परंपराओं को अक्षुण्य बनाए रखने के संकल्प के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं।