कम जनसंख्या वाले जनपदों में उपलब्ध कराए जाएंगे 3 करोड़
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से प्रभावित व्यक्तियों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जनपदों में इसके लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि 25 लाख से कम जनसंख्या वाले जनपदों को 03 करोड़ रुपये तथा 25 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों को 05 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जाएं। मुख्यमंत्री गुरुवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कोरोना उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इस धनराशि का व्यय जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कमेटी की संस्तुति पर किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को कोविड चिकित्सालय में बेड उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी कोविड अस्पतालों में सीनियर डाॅक्टरों द्वारा राउण्ड लिया जाए। कोविड चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सहित सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल की श्रेणी के आधार पर वेन्टिलेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन यानि घर पर रहकर इलाज कराने वाले मरीजों की माॅनिटरिंग के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए। मेडिकल टेस्टिंग में और वृद्धि करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिदिन एक लाख से अधिक टेस्ट निरन्तर किये जाएं। आरटीपीसीआर से 40 हजार टेस्ट तथा रैपिड एंटीजन टेस्ट विधि से 65 हजार टेस्ट प्रतिदिन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने निदेशक, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) को कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, झांसी तथा गोरखपुर के मेडिकल काॅलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में कोरोना उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के भ्रमण के दौरान सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल, सीनियर फैकल्टी, कोविड अस्पतालों के प्रभारी डिप्टी सीएमओ तथा वेन्टिलेटर संचालक उपस्थित रहेंगे। उन्होंने जनपद लखनऊ में आवश्यक समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के गठन के भी निर्देश दिये हैं। यह कोविड चिकित्सालयों का भ्रमण कर इन अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करेगी तथा आवश्यकतानुसार अन्य प्रबन्ध भी सुनिश्चित कराएगी।
मुख्यमंत्री ने महानिदेशक, स्वास्थ्य को प्रत्येक कोविड अस्पताल के प्रभारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एवं महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा को प्रत्येक मेडिकल काॅलेजों के प्रिंसिपल से निरन्तर संवाद बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग, डोर टू डोर सर्वे कार्य तथा कोविड संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्तियों के एण्टीजन टेस्ट की व्यवस्था का प्रभावी संचालन जारी रखा जाए। प्रत्येक जनपद में एल-2 कोविड अस्पताल स्थापित किया जाए। इस कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोविड मरीजों के लिए तथा शेष 50 प्रतिशत नाॅन-कोविड मरीजों के लिए उपयोग की जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोविड कार्य में लगी एम्बुलेंस को कोविड प्रकरणों में ही इस्तेमाल किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि एम्बुलेंस कर्मियों को वेतन, मास्क, ग्लव्स आदि की समस्या नहीं आनी चाहिए। उन्होंने सर्विलान्स कार्य हेतु आवश्यकतानुसार वाहनों की व्यवस्था किये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसजीपीजीआई तथा किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में भर्ती कोविड मरीजों के लिए कुछ प्राइवेट कमरों की भी व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन दोनों चिकित्सा संस्थानों में कोरोना के उपचार के लिए कन्फर्म कोरोना रोगी ही सन्दर्भित किये जाएं। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई, केजीएमयू तथा डाॅ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में भर्ती कोविड रोगियों में से जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता हो उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को 15 अगस्त तक प्रत्येक दशा में तैयार करने के निर्देश दिये।