वृद्धों, बीमारों, बच्चों, गर्भवती की मेडिकल जांच प्राथमिकता पर करने के निर्देश
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोगियों की रिकवरी दर को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वृद्धजन, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बीमार तथा कमजोर व्यक्तियों की मेडिकल टेस्टिंग का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में टेस्टिंग संख्या में लगातार वृद्धि किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मेडिकल टेस्ट करके कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट के द्वारा 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन, आरटीपीसीआर के माध्यम से 40 से 45 हजार टेस्ट प्रतिदिन तथा ट्रूनैट मशीन से 2,500 से 3,000 टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महानिदेशक, स्वास्थ्य तथा महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा अस्पतालों तथा मेडिकल काॅलेजों में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के अनुरूप समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। इसके लिए दोनों अधिकारी माइक्रो एनालिसिस करते हुए स्वास्थ्य सम्बन्धी पुख्ता इन्तजाम करें। उन्होंने महानिदेशक, स्वास्थ्य को प्रत्येक जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से तथा महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा को प्रत्येक मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल से नियमित संवाद रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुचारु व्यवस्था के साथ-साथ 48 घण्टे का ऑक्सीजन बैकअप रखा जाए। एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के सभी बेड्स पर ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। एल-2 कोविड चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहें। उन्होंने कोविड एवं नाॅन कोविड अस्पतालों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता पर बल देते हुए कहा कि दवा के अभाव में उपचार प्रभावित नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 तथा संचारी रोगों के नियंत्रण में स्वच्छता, सेनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग कार्य की उपयोगी भूमिका है। इसलिए इन समस्त कार्यवाहियों को प्रभावी ढंग से संचालित करते हुए इसकी गहन माॅनिटरिंग की जाए। स्वच्छता कार्य के दौरान कचरे का उचित निस्तारण भी किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की अभी तक कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हुई है। इस रोग से बचाव ही इसका उपचार है। ऐसे में यह आवश्यक है कि चिकित्सक तथा शोधकर्ता प्रदेश में सफलतापूर्वक उपचारित किए गए रोगियों की केस हिस्ट्री का गहन अध्ययन करते हुए प्रभावी उपचार विधि को विकसित करने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आए श्रमिकों और कामगारों की स्किल मैपिंग की गई है। इसके दृष्टिगत श्रमिकों तथा कामगारों की दक्षता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही में तेजी लायी जाए। इस कार्य में मदद प्रदान करने के लिए जनपदों के जिला सेवायोजन कार्यालयों को सक्रिय किया जाए। प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित किए गए विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए चरणबद्ध रूप से कार्य किए जाने पर बल दिया है।