गोरखपुर और कानपुर की घटना में पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये देने की मांग
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बढ़ते आपराधिक मामलों को लेकर एक बार फिर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को अपने बयान में कहा कि प्रदेश में अपराधिक घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रदेश की बागडोर अब शायद भाजपा सरकार के हाथ से निकल कर बदमाशों के हाथों में चली गई है। कानून का अपराधियों को कोई डर नहीं है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में अगवा महाजन गुप्ता के 14 वर्षीय पुत्र बलराम गुप्ता को बचाया न जा सका, उसकी हत्या हो गई। गोरखपुर में दुखद घटना वैसी है जैसी कानपुर में हत्या की गई। अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए गोरखपुर में पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री ने पांच लाख रुपये दिये है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार को कम से कम पचास लाख रुपये देना चाहिए। ठीक इसी तरह कानपुर में संजीत यादव की हत्या के मामले में सरकार को पीड़ित परिवार को पचास लाख रुपये देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि कानपुर के पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री द्वारा एक रुपये भी नहीं दिया गया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न जनपदों में हत्या, डकैती का रिकार्ड बन गया है। नोएडा में महिला की हत्या, गाजियाबाद में दिनदहाड़े डकैती, पिछले दिनों मैनपुरी में प्रजापति समाज के लोगों को जिन्दा जला दिया! सम्भल-चंदौसी में दिन में पिता-पुत्र की हत्या, प्रयागराज में एक ही परिवार के तीन लोगों की सामूहिक हत्या। कासगंज में तिहरा हत्याकाण्ड आदि दुखद घटनाऐं भाजपा सरकार की नाकामी के उदाहरण है।
अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार भेदभावपूर्ण नीति से निर्णय कर रही है। पुलिस अभी तक कानपुर संजीत यादव का शव बरामद नहीं कर सकी है। यह भाजपा सरकार के लिए कम शर्मनाक नहीं है। गोण्डा के करनैलगंज में स्व. रामबाबू गोस्वामी की हत्या कर दी गयी। समाजवादी पार्टी की ओर से अरविन्द गिरि प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी युवजन सभा द्वारा पीड़ित परिवार को पचास हजार रुपये दिए गए। समाजवादी पार्टी गोरखपुर के पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये की मदद संवेदना के तहत दे रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी इस मांग को दोहराती है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। बिना भाजपा सरकार को हटाये राज्य के नागरिकों का जीवन और सम्मान सुरक्षित नहीं है।