वाशिंगटन : पश्चिमी देशों और चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार (21 जुलाई) को लंदन में अमेरिका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन के साथ वार्ता की। पोम्पियो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच बैठक में हांगकांग और मानवाधिकार के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी। ब्रिटेन द्वारा हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि खत्म करने और उसे हथियारों की बिक्री बंद करने के कुछ घंटे बाद दोनों के बीच मुलाकात हुई। चीन द्वारा हांगकांग में कड़े नये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के बाद ब्रिटेन ने ये कदम उठाए हैं। ब्रिटेन में चीन के राजदूत लिऊ शियाओमिंग ने ट्विटर पर चेतावनी दी कि ब्रिटेन को ‘द्विपक्षीय संबंध खराब करने के परिणाम भुगतने चाहिए। उन्होंने नये कदम को ब्रिटेन द्वारा चीन के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी करार दिया। पोम्पियो ने लंदन में वार्ता को सकारात्मक और स्पष्ट बताया और कहा कि इसमें 5जी दूरसंचार से लेकर ब्रिटेन-अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते का मुद्दा शामिल था।
इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच स्थिति की अमेरिका बहुत करीब से निगरानी कर रहा है। एस्पर ने चीन सेना की आक्रामक गतिविधियों को क्षेत्र को अस्थिर करने वाला बताया। उन्होंने अमेरिका और भारत सैन्य सहयोग का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि भारत के साथ अमेरिका का संबंध 21 वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में एक है। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने यह बात पूर्वी लद्दाख और दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य आक्रमकता फिर से बढ़ने के बीच एक सुरक्षा सेमिनार को संबोधित करते हुए यह कही। एस्पर ने दोनों देशों के बीच तनाव पर पूछे गये गये एक सवाल के जवाब में कहा, हम भारत और चीन के बीच स्थिति की, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जो कुछ हो रहा है उसकी बहुत करीब से निगरानी कर रहे हैं और हमें यह देख कर अच्छा लगा कि दोनों पक्ष तनाव घटाने की कोशिश कर रहे हैं।