यूपीओए के महासचिव ने खेल मंत्री को लिखा पत्र
लखनऊ। कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी के चलते खेल गतिविधियों पर गत मार्च माह से ही रोक लगी है। इसके चलते अनुबंध का नवीनीकरण न होने से अंशकालिक मानेदय खेल प्रशिक्षकों को परिवार के भरण-पोषण में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) के महासचिव डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि खेल विभाग में तैनात अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षको को न्यूनतम 5,000.00 (पॉच हजार मात्र) रूपया प्रतिमाह गुजारा भत्ता जिलों में ेस्थापित जिला खेल प्रोत्साहन समिति/ प्रशिक्षण शिविर मद से दिलाने का कष्ट करे। उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी को प्रेषित पत्र में उन्होंने ये भी अनुरोध किया कि सोशल डिस्टेंसिग के आधार पर खिलाडियो की स्किल व एंडयोरेंस प्रैक्टिस के लिए अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षको की नियुक्ति आगामी माह अगस्त में कराने का निर्णय लिया जाए।
यूपी के प्रमुख सचिव खेल व खेल निदेशक के माध्यम से प्रेषित पत्र में डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान में महामारी के प्रकोप के चलते मार्च, 2020 से सभी खेल गतिविधियॉ पूरी तरह बन्द है। इसी के साथ पूर्व में तैनात अंशकालिक मानेदय प्रशिक्षको का प्रशिक्षण शिविर भी गत 22 मार्च से यूपी खेल निदेशालय के निर्देशानुसार सत्र पूरा होने के चलते बंद कर दिया गया था जिसका गत एक अप्रैल, 2020 से नवीनीकरण होना था। डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि विभिन्न शाासनादेशों के चलते खेल गतिविधियॉ पूरी तरह बन्द है जिस कारण अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षको का नवीनीकरण नही हो सका है। इससे खेल विभाग में तैनात अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षको के परिवार को भरण-पोषण में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने अपने पत्र में कहा कि न्यूनतम पॉच हजार रूपया गुजारा भत्ता की मदद से यूपी में तैनात लगभग 450 अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे। उन्होंने अनुरोध किया कि सोशल डिस्टेंसिग के आधार पर खिलाडियो की स्किल व एंडयोरेंस प्रैक्टिस के लिए अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षको की नियुक्ति आगामी माह अगस्त में कराने का निर्णय लिया जाए।