ध्वस्त कानून-व्यवस्था छिपाने तथा कांग्रेस प्रवक्ता को फंसाने की कोशिश: दीपक सिंह
लखनऊ : लोकभवन के सामने अमेठी की दो महिलाओं द्वारा आत्मदाह किये जाने की घटना सोची समझी रणनीति कर हिस्सा है। योगी सरकार साजिशन कांग्रेस पार्टी और उसके प्रवक्ता का नाम घसीट रही है। प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था को छुपाने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता को साजिश में फंसाने की काम योगी आदित्यनाथ की पुलिस कर रही है। यह बातें कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी ने सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि अमेठी से आई दो महिलाओं का लोकभावन के सामने आत्मदाह के प्रयास में कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। आत्मदाह मामले में कांग्रेस की संलिप्तता पुलिस द्वारा गढ़ा गया झूठ है। वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि घटना वाले दिन या उसके आसपास पीड़िता न तो अनूप पटेल से मिली और न ही फोन पर बात की। प्रदेश की ध्वस्त हो चली कानून व्यवस्था का ठीकरा योगी सरकार कांग्रेस के ऊपर फोड़ कर प्रदेश की जनता को गुमराह करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अमेठी की जामों की रहने वाली दो महिलाएं दबंगों और पुलिस की रवैए से इतनी परेशान थीं कि उन्हें आत्मदाह को मजबूर होना पड़ा। यह प्रदेश सरकार के जंगलराज का चरम है कि पीड़ित आत्मदाह को मजबूर हो रहे हैं।
विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि सरकार ने अपनी गलती मानते हुए थाने के दरोगा को सस्पेंड भी किया है। फिर ये बिना सर पैर की साजिश क्यों रच रही है। सच्चाई तो यह है कि 9 मई को साफिया की पुत्री गुड़िया दबंगों पर एफआईआर दर्ज कराती है तथा 13 मई को दबंगों द्वारा गुड़िया सहित अन्य पर फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी जाती है। 4 जुलाई को डीआईजी, आईजी, डीजीपी एवं मुख्यमंत्री सहित सभी से न्याय के लिए प्रार्थना करती रही लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता ने कहा कि विधानसभा के गेट नम्बर तीन पर आत्मदाह के बाद प्रशासनिक कमी को छुपाने के कांग्रेस प्रवक्ता को फंसाने की भाजपा साजिश रच रही है। भाजपा को राजनीतिक शिष्टाचार नहीं भूलना चाहिए। कोई भी पीड़ित किसी भी राजनीतिक या सामाजिक संगठनों से मदद मांगता है। उसके दफ्तर जाता है, यह एक सामान्य सी बात है। भाजपा क्या कभी विपक्ष में नहीं रही है। क्या भाजपा कभी विपक्ष में नहीं होगी।