लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा ‘वर्ल्ड डे फॉर इण्टरनेशनल जस्टिस (17 जुलाई)’ के उपलक्ष्य में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो के राष्ट्रपति समेत विश्व के 13 देशों गुयाना, पनामा, इजिप्ट, नीदरलैण्ड, माल्टा, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेन्टीना, पेरू, कोस्टारिका, बोस्निया एण्ड हर्जेगोविना, टर्की, फिलीपीन्स आदि देशो न्यायाधीश, मुख्य न्यायाधीश व अन्य गणमान्य हस्तियों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् एवं ‘इण्टरनेशनल कान्फ्रेन्स ऑफ चीफ जस्टिसेज ऑफ द वर्ल्ड’ के संयोजक डा. जगदीश गांधीे, सी.एम.एस संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी एवं सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने भी ऑनलाइन शिरकत की। मुख्य न्यायाधीशों के इस ऑनलाइन अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एन्थोनी थॉमस एक्यूनिश कारमोना, रिपब्लिक ऑफ ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो के पांचवे राष्ट्रपति, कार्ल अशोक सिंह, पूर्व चांसलर ऑफ ज्यूडिशियरी, गुयाना, गै्रसिएला डिक्सन, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस, पनामा, डा. आदिल ओमर शेरीफ, डेप्यूटी चीफ जस्टिस, इजिप्ट,एंथोनी केशिया-एमबे मेन्डूवा, जज, इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड, विन्सेन्ट ए.डी. गैटानों, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, माल्टा, मंडिसा, मुख्य न्यायाधीश, जज, सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील, दक्षिण अफ्रीका, डा.रिकार्डो ली रोसी, जज, नेशनल सिविल कोर्ट ऑफ अपील्स, अर्जेन्टीना, जेसिफा इजगा, जज, सुपिरियर कोर्ट ऑफ लीमा, पेरू, रोसा एसॉन, जज, क्रिमिनल कोर्ट ऑफ अपील, कोस्टारिका, मिरसाद स्ट्रीका, जज, कोर्ट ऑफ बोसनिया एण्ड हर्जेगोविना, मुस्तफा ओजमेन, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट, टर्की, इस्माइल जी. खाँ, एटारनी एट लॉ, फिलीपीन्स ने अपने सारगर्भित विचार रखे। इस ऑनलाइन सम्मेलन में अपने विचार रखते हुए न्यायविद्ों ने एक स्वर से कहा कि आज विश्व को शक्ति प्रदर्शन की नहीं अपितु सेवा भाव की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति आज शान्ति की खोज में है। इस सम्मेलन ने हमें शान्ति के लिए, सद्भाव के लिए तथा प्रेम के लिए कार्य करने का अवसर दिया है। न्यायविदों ने संकल्प व्यक्त किया कि वे अपने देश में अपनी सरकार के सहयोग से इस मुहिम को आगे बढायेंगे जिससे विश्व के सभी नागरिकों को नवीन विश्व व्यवस्था की सौगात मिल सके और प्रभावशाली विश्व व्यवस्था कायम हो सके।
इस अवसर पर न्यायविदों को सम्बोधित करते हुए सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् एवं ‘इण्टरनेशनल कान्फ्रेन्स ऑफ चीफ जस्टिसेज ऑफ द वर्ल्ड’ के संयोजक डा. जगदीश गांधी ने कहा कि ‘वर्ल्ड डे फॉर इंटरनेशनल जस्टिस’ विश्व के उन सभी महामानवों को एकजुट करता है जो न्याय का समर्थन करना चाहते हैं, पीड़ितों के अधिकारों को बढ़ावा देते हैं, अपराध को रोकने में मदद करते हैं और जो दुनिया की शांति, सुरक्षा और भलाई के लिए कार्यरत है। डा. गांधी ने जोर देते हुए कहा कि प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था के जरिये ही दुनिया में एकता व शान्ति की स्थापना संभव है परन्तु इसके लिए ‘विश्व संसद’ का गठन होना भी अतिआवश्यक है। आगे बोलते हुए डा.गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह ‘भारतीय संविधान’ के ‘अनुच्छेद 51’ के अनुसार विश्व के नेताओं की ऑनलाइन मीटिंग बुलाकर ‘विश्व संसद’ के गठन का मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने विश्व के समस्त मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों एवं कानूनविदों से अपील की कि अपने-अपने देश के ‘हेड ऑफ स्टेट’ से यह आग्रह करें कि वे विश्व के कल्याण हेतु शीघ्र-अतिशीघ्र ‘विश्व संसद’ के गठन में सहयोग करें, जिससे विश्व के 2.5 अरब बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। डा.गांधी ने बताया कि सीएमएस विगत 20 वर्षों से लगातार ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित कर रहा है, जिसमें अब तक 136 देशों से 1299 से भी अधिक मुख्य न्यायाधीशों एवं न्यायाधीशों ने प्रतिभाग किया है एवं सीएमएस की इस विश्व एकता की मुहिम की भरपूर प्रशंसा करते हुए हरसंभव योगदान का वादा किया है। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सीएमएस द्वारा ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 21वां अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ 6 से 10 नवंबर 2020 तक ऑनलाइन आयोजित किया जायेगा।