लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में लोकभवन के सामने मां-बेटी के आत्मदाह का प्रयास करने के मामले में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है। अखिलेश ने शनिवार को ट्वीट किया कि लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को भी इस मामले को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद खबर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके। लेकिन, इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।
उधर इस मामले में ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने वाले चार पुलिसकर्मी को शनिवार को निलम्बित कर दिया गया है। इसके साथ ही एमआईएम नेता कादिर खान और कांग्रेस नेता अनूप पटेल सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एमआईएम नेता कादिर खान समेत एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को मां-बेटी के लोक भवन पर आत्मदाह का प्रयास करने की घटना में पता चला है कि यह एक आपराधिक साजिश के अनुसार किया गया था जिसमें कुछ लोगों ने महिलाओं को उकसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमने एमआईएम नेता कादिर खान और कांग्रेस नेता अनूप पटेल सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
आत्मदाह करने की कोशिश में बुरी तरह झुलसी मां की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि बेटी की हालत में सुधार बताया जा रहा है। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक बर्न वार्ड में अमेठी की महिला की स्थिति बहुत गम्भ्भीर बनी हुई है। वह 90 फीसदी तक जल चुकी है। वहीं उसकी बेटी की हालत में पहले से काफी सुधार है। उल्लेखनीय है कि अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली सोफिया ने अपनी बेटी गुड़िया के साथ शुक्रवार शाम को लोक भवन के सामने किरासन छिड़क कर आग ली। किसी तरह वहां मौजूद लोगों की मदद से पुलिस ने आग बुझायी और दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। आरोप है कि महिला का कुछ लोगों से जमीन व अन्य विवाद चल रहा है। शिकायत के बावजूद प्रशासन-पुलिस के स्तर पर सुनवाई न होने से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठा लिया