ब्च्चे के पर्याप्त विकास में शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य की भी बड़ी भूमिका
सकारात्मक व उत्साह बढ़ाने वाली कहानियां पढ़ें, कोविड की चिंता मन में न पालें
व्यायाम और योग करना भी रहेगा फायदेमंद, दूर हो सकता है तनाव एवं चिंता
लखनऊ। कोरोना के इस आपदा काल में गर्भवती को शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चे के पर्याप्त विकास में इन दोनों की अहम् भूमिका है। घर-परिवार वालों को भी गर्भवती के सामने हमेशा कोरोना से जुड़ी ख़बरों पर चर्चा करने और टीवी पर उससे जुड़ी ख़बरों को देखने से बचना चाहिए। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आशा कार्यकर्ता और एएनएम भी बराबर गर्भवती को जागरूक करने में जुटी हैं। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव का कहना है कि मौजूदा समय में अपनी चिंता, दुःख और तकलीफ को कम करने के लिए जरूरी है कि कोविड-19 के बारे में समाचार देखना, सुनना व पढ़ना कम करें। कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में चिंता सामान्य है लेकिन आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए आपका मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
केवल विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें ताकि अपनी योजनायें तैयार करने के लिए व्यवहारिक कदम उठा सकें। इसके अलावा सकारात्मक और उत्साह बढाने वाली कहानियां पढ़ें जैसे कि हाल ही में मां बनीं महिलाओं और कोविड विजेताओं की कहानियां आदि । इसके अलावा हर माह की नौ तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर प्रसवपूर्व जाँच अवश्य कराएं ताकि पता चल सके उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) का कोई मामला तो नहीं है । आयरन और कैल्शियम की गोलियों का सेवन भी इस दौरान अवश्य करती रहें ताकि शरीर में खून की कमी न होने पाए । इस दौरान ऊपरी बांह के उपयुक्त व्यायाम और योग भी करें। यह किसी भी तरह के तनाव में आने से बचाने में मददगार साबित होगा।
डॉ. सुजाता का कहना है कि गर्भवती को घर पर नियमित रूप से हाथ की सफाई करते रहना चाहिए, अपने चिकित्सक से घर पर स्वच्छता के तौर-तरीकों के बारे में भी जानकारी ले सकतीं हैं । हरी सब्जियों, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सहित पर्याप्त व पौष्टिक आहार लें। यदि गर्भावस्था को लेकर किसी भी तरह की चिंता में हैं तो फोन पर अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम या प्रसूति विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं। इसके साथ ही अगर प्रसव का समय करीब है तो अपना मदर कार्ड और आपातकालीन एम्बुलेंस का नंबर तैयार रखिये। परिवार वालों को भी इस बारे में जानकारी अवश्य दे दीजिये। अस्पताल जाने पर अपने चिकित्सक के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें और अस्पताल में किसी भी सतह को छूने की कोशिश न करें क्योंकि सतह पर भी कोरोना का वायरस हो सकता है ।