-राघवेन्द्र प्रताप सिंह
लखनऊ : बाराबंकी जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक बेलगाम हो चुके हैं। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने यदि जल्दी ही इस जिला विद्यालय निरीक्षक की नकेल नहीं कसी तो जिले के तमाम विद्यालयों के शिक्षक कोराना संक्रमित नजर आएंगे। उत्तर प्रदेश में जब कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है और विद्यालयों में छात्र नहीं आ रहे हैं उसके बावजूद जिला विद्यालय निरीक्षक ने एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया है कि सभी शिक्षक सुबह 9 बजे से 3 बजे शाम तक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। जबकि सरकार लगातार यह अपील कर रही है कि लोग घर से ही कार्य करें और बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक का फरमान कुतुबुद्दीन ऐबक के फरमान जैसा है। राजकीय इण्टर कॉलेजों में अध्यापकों को सुबह 9 से अपराह्न 3 बजे तक विद्यालय में बने रहने का आदेश मौखिक/अलिखित तौर पर दिया गया है।
चूंकि आदेश साहब-ए-आलम जिल्लेइलाही जिला विद्यालय निरीक्षक का है तो प्रधानाचार्यों ने अध्यापकों पर थोपा डाला। जबकि राजकीय इण्टर कॉलेज बाराबंकी में प्रधानाचार्य महोदय ने अपने विवेक का प्रयोग किया है और कहा कि शासकीय कार्यों में जब तक बहुत आवश्यक न हो तब तक केवल लिखित आदेश मान्य होता है और उसका परिपालन किया जाता है। बाराबंकी में उच्चस्तरीय अधिकारियों के कोरोना पोसिटिव होने के बाद भी शिक्षा विभाग के आला अफसर के बेतुके आदेश कैसे और किसकी शह पर जारी हैं पता नहीं।