सीएम योगी ने वर्चुअल संवाद ‘इण्डिया ग्लोबल वीक 2020’ को किया सम्बोधित
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की अनन्त सम्भावनाएं हैं। प्रवासी भारतीयों की विशेषज्ञता और अनुभव के माध्यम से इन्हें साकार किया जा सकता है। प्रवासी भारतीयों से प्रदेश के विकास में रचनात्मक योगदान का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा, परिश्रम व उद्यमिता से प्रवासी भारतीयों ने उनके निवास के देशों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाया है। भारतीयता के आदर्शों के प्रति प्रवासी भारतीयों की प्रतिबद्धता ने भारतीय जीवन मूल्यों को विश्व में एक अनुपम ब्राण्ड के रूप में स्थापित किया है। मुख्यमंत्री शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल संवाद ‘इण्डिया ग्लोबल वीक 2020’ में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इण्डिया इंक0 द्वारा इस अभूतपूर्व समय में वर्चुअल संवाद का आयोजन एक सराहनीय पहल है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह संवाद विभिन्न देशों से आर्थिक सम्बन्ध सुदृढ़ करने में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 से प्रभावित हुईं आर्थिक गतिविधियों की तेजी से बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में उद्यमिता के लिए सक्षम और अनुकूल वातावरण सृजित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समय से लिए गए निर्णयों के परिणामस्वरूप भारत वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में सुरक्षित स्थिति में है। प्रधानमंत्री ने पांच स्तम्भों अर्थव्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, डिमाण्ड और वाइब्रेंट डेमोग्राफी पर आधारित आत्मनिर्भर भारत की बात की थी। आत्मनिर्भर भारत अभियान देश को आत्मनिर्भर और ग्लोबली काॅम्पीटेटिव बनाने की रूपरेखा है। इससे स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग के सुदृढ़ीकरण, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक ब्राण्ड्स में परिवर्तित करने में सहायता मिलेगी। इस अभियान में सम्मिलित होकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियां इस अवसर का लाभ उठाते हुए टेक्नोलाॅजी ट्रांसफर के माध्यम से प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में योगदान दे सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में प्रदेश का योगदान लगभग 08 प्रतिशत है। यहां देश की लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। 23 करोड़ से अधिक की जनसंख्या एवं सबसे विशाल जनशक्ति के आधार के साथ प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा बाजार है। राज्य की 56 प्रतिशत जनसंख्या कामकाजी आयु वर्ग में है। प्रदेश सरकार इस विशाल डेमोग्राफिक डिविडेन्ड का कौशल विकास करते हुए, इसका उपयोग प्रदेश के औद्योगिक विकास में करने के लिए कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की चुनौतियों के समय में आपदा को अवसर में बदलने का कार्य किया है। श्रमिकों व कामगारों के लिए राज्य व जनपद स्तर पर श्रमिक आयोग का गठन किया गया है। श्रमिकों व कामगारों के लाभकारी रोजगार के लिए आयोग की स्थापना करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। प्रदेश वापस आये 11 लाख श्रमिकों व कामगारों को आयोग के माध्यम से विभिन्न उद्यमों में समायोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के 04 चरणों को सफलतापूर्वक लागू करने के पश्चात 01 जून से लागू अनलाॅक के दौर में प्रदेश में लगभग 08 लाख औद्योगिक इकाइयां संचालित करायी गयी हैं। इनमें लगभग 50 लाख श्रमिक व कामगार कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन की शुरुआत में प्रदेश में पीपीई किट व मास्क निर्माण करने वाली कोई भी इकाई नहीं थी। वर्तमान में 43 से अधिक इकाइयां पीपीई किट निर्माण एवं एक्सपोर्ट कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के प्रकोप से देश के आर्थिक ढांचे को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के अन्तर्गत अब तक प्रदेश में 2.40 लाख औद्योगिक इकाइयों को लगभग 5,900 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह श्रम कानूनों में आवश्यक सुधार करते हुए प्रदेश में उद्यम स्थापना को सुगम बनाया गया है। उद्यम प्रारम्भ करने के 03 वर्ष तक श्रम कानूनों के अन्तर्गत अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसी प्रकार उद्यम स्थापना हेतु नया एमएसएमई एक्ट लाया जा रहा है। इससे प्रदेश में उद्यम स्थापना के लिए इच्छुक उद्यमियों को सरलता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक्सप्रेस-वेज का नेटवर्क उपलब्ध है। इसका निरन्तर विस्तार किया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे तथा मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे आदि के निर्माण की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के माध्यम से प्रयागराज और वाराणसी को हल्दिया बंदरगाह से जोड़कर अब दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों तक उत्पाद पहुंचना आसान हो जाएगा।