-अरुण कुमार राव/सुरेश तिवारी
देवरिया : आईसीएसई बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के नतीजे वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान निराशा और कठिनाइयों के बीच आशा की किरण की तरह है। वैश्विक महामारी करोना के कारण कुछ विषयों की परीक्षाएं छूट गई थी जिस पर सरकार ने बच्चों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें प्री बोर्ड में प्राप्त नंबर के आधार पर पास करने का निर्णय लिया। देवरिया जनपद में आईसीएसई बोर्ड द्वारा संचालित दो विद्यालय हैं जीवन मार्ग सोफिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल देवरिया एवं लिटिल फ्लावर स्कूल सलेमपुर इन दोनों स्कूलों के बच्चों ने बोर्ड में अपना डंका बजाया है। हाई स्कूल में लिटिल फ्लावर सलेमपुर स्कूल के छात्र शुभम कुमार गुप्ता ने 98 फ़ीसदी अंक के साथ जिला टॉप किया है वही इसी स्कूल की वैभवी बरनवाल ने 86% फ़ीसद अंक के साथ इंटर की परीक्षा में अपना परचम लहराया है।
जीवन मार्ग सोफिया सेकंडरी स्कूल की छात्रा सिद्धि सिंह ने 97.2 फीसद अंक के साथ दूसरा और रोहित श्रीवास्तव ने 97 अंक के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया है। लिटिल फ्लावर सलेमपुर के हाई स्कूल के जिला टॉपर शुभम कुमार गुप्ता का लक्ष्य आईएएस बनकर राष्ट्र की सेवा करने का है। शुभम के पिता राजकुमार गुप्ता पड़री बाजार में गल्ला का व्यवसाय करते हैं। शुभम ने बताया कि माता-पिता और गुरु जन के आशीर्वाद से मैं अधिक से अधिक अंक लाने में सफल हुआ हूं। लिटिल फ्लावर सलेमपुर के इंटर की टॉपर छात्र वैभवी बरनवाल ने कहा कि डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा करना चाहती हूं। मैं अभी से तैयारी शुरू कर दी हूं। नीट का आवेदन भी किया है पहली बार प्रवेश परीक्षा में शामिल होना है मुझे पूरा विश्वास है कि मैं अपने माता पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से सफलता प्राप्त करूंगी।
जीवन मार्ग सोफिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा प्रीति सिंह ने 86% अंक प्राप्त कर अपने परिवार एवं माता पिता का नाम रोशन किया है। प्रीति सिंह के पिता सुनील कुमार सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में शाखा प्रबंधक हैं। प्रीति सिंह ने डॉक्टर बनकर राष्ट्र एवं समाज की सेवा करने की इच्छा जताई हैं। देवरिया जनपद की निवासी साक्षी सिंह इंटर की परीक्षा में सीएमएस लखनऊ से 97 फीसद अंक प्राप्त कर जनपद का नाम रोशन की है। साक्षी के पिता देवरिया में व्यवसाय करते हैं। आईसीएसई बोर्ड की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर मेधावी यों का उत्साह चरम पर है। किसी ने आईएएस, डॉक्टर तो कोई इंजीनियर बन कर देश की सेवा करने की अपनी इच्छा जताई है। इनकी इस सफलता पर घर में खुशी का माहौल है लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। मेधावियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर पूरे मनोयोग से निष्ठा के साथ परिश्रम किया जाए तो सफलता निश्चित ही कदम चुमती है।