नवविवाहित दम्पत्तियों को जागरूक करना आशा की पहली प्राथमिकता
देंगी सन्देश- अनचाहा गर्भ आपके सपनों व संसाधनों में बनता है बाधक
लखनऊ : जनसंख्या स्थिरता पखवारे के दौरान 11 से 31 जुलाई तक घर-घर पहुंचने वाली आशा और एएनएम के अलावा स्वास्थ्य इकाइयों पर पहुंचने वाले नवविवाहित दम्पत्तियों को जागरूक करना पहली प्राथमिकता में होगा। इसके तहत उनको ‘पहले एक-दूसरे को जानेंगे और आगे की राह आसान बनाएंगे’ सूत्र वाक्य को जीवन में उतारने के बारे में समझाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता उस घर को प्राथमिकता दें जहां कोई नव-विवाहित दंपत्ति हों। ऐसे दम्पत्तियों से इस बात पर चर्चा करेंगी कि अनचाहा गर्भ आपके सपनों और आपके पास मौजूद संसाधनों को सीमित करता है । इसके साथ ही उनकी आवश्यकतानुसार गर्भ निरोधक साधन भी उन्हें उपलब्ध कराएंगी ।
इसके अलावा परिवार नियोजन की अंतराल विधियों का संचालन पहले की तरह जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। कोविड-19 वाले क्षेत्रों में फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से कोविड 19 से बचाव का पूर्ण पालन करते हुए अंतराल विधियों का वितरण किया जाये। सभी नॉन कोविड स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन संबंधी परामर्श व अस्थायी गर्भ निरोधक साधनों की उपलब्धता जरूर हो। इसके अलावा प्रसव इकाइयों पर सभी अस्थायी विधियाँ जैसे – पीपीआईयूसीडी, पीएआईयूसीडी, अंतरा, छाया, कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां पहले की तरह प्रदान की जाएं। अनचाहे गर्भ व गर्भपात से बचने के लिए यह बहुत ही जरूरी हैं।
स्वास्थ्य विभाग को भी यह ध्यान देना है कि यदि किसी आशा या एएनएम को सर्दी, खांसी व गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण हों या कन्टेनमेंट जोन में कार्य किया हो या वहां निवास करतीं हों तो उनको गृह भ्रमण पर न भेजकर उनकी जांच कराएं। इसके साथ ही ऐसे क्षेत्र के लिए परामर्श व गर्भ निरोधक साधनों के वितरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनायी जाए ताकि लोगों को परिवार नियोजन सम्बंधित परामर्श व गर्भ निरोधक साधन मिल सकें। इसके अलावा जिला अस्पताल में यदि नियत सेवा दिवस आयोजित हो तो केवल 10 योग्य दंपत्ति को ही बुलाएं ताकि दो लोगों के बीच दो गज की दूरी रखकर ही सेवायें प्रदान की जाएं और ध्यान रखें कि आने वाले हर दंपति मास्क जरूर लगाए हों।