मुंबई : महाराष्ट्र में आसीन उद्धव ठाकरे सरकार के सहयोगी दलों में बढ़ती तकरार के मद्देनजर मातोश्री बंगले पर सोमवार को बैठकों का सिलसिला जारी रहा। इस बीच शिवसेना -राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शह-मात का खेल भी देखने को मिला है। हालांकि इस बाबत दोनों दलों की ओर से मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी गई है। राज्य में आसीन महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के बीच मतभेद की शुरुआत पिछले सप्ताह में शुरु हो गई थी। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री की सलाह लिए बिना 10 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अहमदनगर जिले के पारनेर नगर निगम में शिवसेना के 5 नगरसेवकों को राकांपा में शामिल कर लिया था। यह बात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को नागवार गुजरी थी और उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद का अधिकार का प्रयोग करते हुए 10 आईपीएस अधिकारियों के तबादले पर रविवार को रोक लगा दिया था। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अजीत पवार को राकांपा में शामिल 5 पार्षदों को वापस शिवसेना में भेजे जाने की मांग की।
सोमवार को ही कल्याण जिलापरिषद में शिवसेना ने राकांपा से गठबंधन तोड़ते हुए भाजपा पार्षद को सभापति व उप सभापति बनवा दिया। इस तरह दोनों दलों के बीच बढ़ती खटास को देखते हुए सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ मातोश्री बंगले पर गए। इसके बाद शरद पवार ने गृहनिर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड को भी बुलवा लिया था। बताया जा रहा है कि शरद पवार के सामने गृहमंत्री अनिल देशमुख मुख्यमंत्री को 10 आईपीएस अधिकारियों के तबादले का स्पष्टीकरण दिया। इस अवसर पर शिवसेना की ओर से नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और उद्योग मंत्री सुभाष देसाई भी उपस्थित थे। इस बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मातोश्री बंगले पर पहुंचे और उनकी उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे के साथ बैठक हुई। इन बैठकों का ब्योरा दोनों पार्टी की ओर से मीडिया को नहीं दिया गया, लेकिन महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दलों में तनातनी बढ़ती जा रही है।