वयं राष्ट्रे जागृयाम।(62) : How is the Josh?
-विवेकानंद शुक्ला
कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। हम लोग बांसुरीवाले कृष्ण की पूजा करते हैं और हम ही सुदर्शन चक्र धारी कृष्ण को भी पूजते हैं। विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है…। आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया। हम वो लोग हैं, जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं तो हम वो ही लोग हैं, जो सुदर्शनधारी कृष्ण को भी आदर्श मानकर चलते हैं। इसी प्रेरणा से हर आक्रमण के बाद भारत और सशक्त होकर उभरा है। आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है… आपका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसे आप रोज अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों की तरह अटल है।
राष्ट्र, दुनिया और मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई स्वीकार करता है। लेकिन हम ये भी जानते हैं कि शांति निर्बल कभी नहीं ला सकता। कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है। भारत आज जल, थल, नव और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण है। भारत आज आधुनिक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण कर रहा है।” विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। ये युग विकासवाद का है… बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया। मानवता का विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हो जाए तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं।
जब-जब मैं राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े किसी निर्णय के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं- पहली हम सभी की भारत माता, दूसरी वो वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी योद्धाओं को जन्म दिया है… आधुनिक हथियार हो या जरूरी साजो-सामान, इन सभी पर हम बहुत ध्यान देते रहे हैं। बॉर्डर इंफ्रस्ट्रक्चर पर खर्च करीब-करीब तीन गुना कर दिया गया है। आपके पास सामान जल्दी से पहुंचता है।
-पीएम मोदी
लेह, लद्दाख़। (03/07/20)
मेरा देश बदल रहा है, ये पब्लिक है, सब जानने लगी है … जय हिंद-जय राष्ट्र!