कहा-पूरी तैयारी के साथ अनलाॅक-2 व्यवस्था को किया जाए लागू
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनलाॅक-2 व्यवस्था में विभिन्न गतिविधियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रावधानों का अध्ययन करते हुए पूरी तैयारी के साथ अनलाॅक-2 व्यवस्था को लागू किया जाए। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का उपचार, बचाव ही है। इसलिए कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी व सतर्कता बरतना आवश्यक है। यथा सम्भव लोग अनावश्यक आवागमन से बचें।
उन्होंने कोरोना के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से संचालित प्रचार-प्रसार के कार्य को जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए रेडियो, टीवी के साथ-साथ बैनर, पोस्टर, हैण्डबिल आदि के माध्यम से जागरूकता सृजित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए प्रयास लगातार जारी रखे जाएं। कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाया जाए। कोविड हेल्प डेस्क में इंफ्रारेड थर्मामीटर एवं पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। हेल्प डेस्क पर कार्यरत कर्मियों को मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर दिया जाए। कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों से संवाद बनाकर उन्हें रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति से नियमित तौर पर अवगत कराया जाए। उन्होंने सभी अस्पतालों के होल्डिंग एरिया में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने तथा चिकित्सालयों में व्हील चेयर तथा स्ट्रेचर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जुलाई, 2020 से संचारी रोग नियंत्रण अभियान प्रारम्भ हो रहा है। संचारी रोगों के साथ-साथ कोविड-19 को नियंत्रित करने में स्वच्छता की बड़ी भूमिका है। इसके दृष्टिगत उन्होंने ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में मिशन मोड पर स्वच्छता अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान इस पर भी ध्यान दिया जाए कि लोग मास्क अथवा फेस कवर का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश के लिए भूसे के साथ-साथ हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल द्वारा कृषि को कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए रसायनों के छिड़काव के व्यापक प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने कहा कि खनन से अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए टेण्डर प्रक्रिया अभी से प्रारम्भ कर दी जाए, जिससे 01 अक्टूबर, 2020 से खनन कार्य प्रारम्भ किया जा सके।