लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी को ‘योग एट होम’ की संकल्पना के साथ शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल में यदि हम सभी स्व-अनुशासन, शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) और स्वच्छता के साथ योग को भी नियमित व्यवहार में समाहित कर लें तो कोरोना नामक ‘रक्तबीज’ को आसानी से पराजित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, आत्मिक, आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। शिवावतारी महायोगी गुरु गोरक्षनाथ ने सर्वजन के लिये योग को सुलभ बनाया। विश्व के अनेक देश, जो भाषा, संस्कृति, अचार-विचार में हमसे भिन्न हैं, सहर्ष हमारी योग परंपरा को आत्मसात कर रहे हैं। योग, जो शरीर, मन, बुद्धि को जोड़ता है, वह आज विश्व को अपने साथ जोड़ने में बहुत बड़ी अहम भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन, स्वस्थ बुद्धि, यही वास्तविक सौंदर्य है। यही वह तत्व है जो विविध सामाजिक कुरीतियों, व्याधियों का समूल नाश कर सकता है। योग, इस सौंदर्य को प्राप्त करने का सहज माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त भारतीय ज्ञान शाखाओं का चरम लक्ष्य है जीव को ब्रह्म के स्वरूप का बोध कराना, उनसे जोड़ना। चित्त की चंचलता को दूर कर मोक्ष प्राप्ति ही योग का परम लक्ष्य है। योग आत्म-परिष्कार का माध्यम है। भारतीय सनातन परंपरा की ओर से यह विश्व को अनुपम उपहार है। भारतीय सनातन परंपरा के अजस्र प्रवाह में सहस्रों वर्षों से मानव सभ्यता को आच्छादित करने वाले ऋषि प्रसाद ‘योग’ ने अपने दिव्य गुणों से सम्पूर्ण मानवता को सुरभित किया है। यह मनसा, वाचा, कर्मणा की त्रिवेणी को शोधित करने का एकमेव माध्यम है। योग अपनाएं, रोग दूर भगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि पतंजलि से लेकर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ ने योग के प्रत्येक आयाम पर विस्तार से प्रकाश डाला है। वास्तव में योग भारत की ऋषि परम्परा का प्रसाद है। जिसका महत्व आज सम्पूर्ण विश्व समझ रहा है। यह पूरी दुनिया को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।