गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत बेकार नहीं जाएगी
नई दिल्ली : वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भारत-चीन विवाद पर कहा है कि चीन के साथ मौजूदा तनाव का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकालने के प्रयास चल रहे हैंं लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो भारत हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। गलवान घाटी में शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। वायुसेना प्रमुख शनिवार सुबह हैदराबाद स्थित वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) में हिस्सा लेने पहुंचे और मंच से सलामी ली। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए जवानों को याद किया। परेड में शामिल वायु सैनिकों से एयर चीफ ने कहा कि कृपया गलवान घाटी में एलएसी का बचाव करते हुए बलिदान देने वाले सेना के कर्नल संतोष बाबू और उनके बहादुर साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मेरे साथ शामिल हों। इनका बलिदान चुनौतीपूर्ण स्थितियों में वीरता के साथ किसी भी कीमत पर भारत की संप्रभुता की रक्षा करने के हमारे संकल्प को प्रदर्शित करता है।
संयुक्त स्नातक परेड में वायुसेना के जांबाजों ने दिखाए करतब
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हम किसी भी अचानक हुई घटना का जवाब देने के लिए अच्छी तरह से तैयार और तैनात हैं। मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि हम गलवान के बहादुरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य यह बताता है कि हमारे सशस्त्र बल हर समय तैयार और सतर्क रहते हैं। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय जवानों की शहादत के बाद भी सैन्य वार्ता के दौरान समझौतों पर पहुंचने और मौजूदा स्थिति को शांतिपूर्वक हल करने के लिए सभी प्रयास चल रहे हैं। इस बीच एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की मौजूदगी में ग्रेजुएशन कंबाइंड परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने आसमानी करतब दिखाए। इस साल पास आउट हुए अलग-अलग शाखाओं के फ्लाइट्स कैडेट्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। परेड में कोरोना काल की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया गया। हर कोई मास्क लगाकर परेड में शामिल हुआ। यह कैडेट्स के परिवारवालों के लिए भी बहुत ही खास लम्हा होता है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि इस कार्यक्रम में कैडेट्स के परिवार का कोई अभिभावक और रिश्तेदार शामिल नहीं हो पाया।