गन्ना भुगतान में अन्य सरकारों को पीछे छोड़ा, बनाया रिकॉर्ड
योगी ने 418 करोड़ रुपये की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की
लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में बेहतर इलाज से लेकर लोगों को रोजगार मुहैया कराने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गन्ना किसानों का लम्बे समय से बकाया का भुगतान किया है। मुख्यमंत्री ने आज एक बटन दबाकर सीधे गन्ना किसानों के बैंक खातों 418 करोड़ रुपये भेजे। इस भुगतान के साथ ही योगी सरकार ने गन्ना भुगतान के मामले में पिछली सभी सरकारों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। महज तीन साल में योगी सरकार ने 01 लाख 325 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को किया है। पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार की बात करें तो तब पांच साल में 95 हजार 215 करोड़ का भुगतान हुआ था लेकिन योगी सरकार ने तीन साल में उससे कहीं अधिक भुगतान का रिकॉर्ड बनाया है। गन्ना किसानों को अब तक का सर्वाधिक भुगतान करने का रिकॉर्ड भी योगी सरकार के नाम ही है।
गन्ना किसानों को ऑनलाइन भुगतान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि शासन की कार्यपद्धति स्वयं की नहीं बल्कि जनता की संतुष्टि का कारण बननी चाहिए। बीते तीन वर्ष तीन माह में यह उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग के इतिहास का एक बहुत ही स्वर्णिम अवसर है, जब इतनी बड़ी धनराशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में सरकार द्वारा हुआ हो। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि अन्नदाता किसानों का आशीर्वाद राज्य और केंद्र सरकारों पर रहा है, इसलिए दोनों सरकारों ने मिलकर संकट काल में जूझते हुए भी गन्ना किसानों समेत सभी किसानों की समस्या का समाधान निकाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के प्रारम्भ होने पर पूरे देश और दुनिया में लॉकडाउन का आरम्भ हो रहा था, ऐसे लगता था कि चीनी मिलें बंद होंगी तो किसानों का क्या होगा। संक्रमण को भी रोकना था लेकिन साथ ही साथ किसानों की समस्याओं को भी देखना था। उन्होंने कहा मैं अपने किसान बंधुओं का अभिनंदन करूंगा कि उन्होंने पूरी तत्परता के साथ शासन की व्यवस्था में सहयोग किया और आज प्रदेश में गन्ना किसानों का शत-प्रतिशत गन्ना पेराई करने में हमें सफलता मिली। साथ ही गन्ना किसानों के खाते में एक लाख करोड़ से अधिक की धनराशि पहुंचाने में भी मदद मिली। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम को शासन की कल्याणकारी योजनाओं, शासन और किसानों के बीच एक बेहतर तालमेल का एक आदर्श उदाहरण कहा जा सकता है। मैंने प्रदेश के उन प्रगतिशील और समृद्ध किसानों से संवाद किया जिन्होंने अपने परिश्रम से न केवल स्वयं के बल्कि प्रदेश और देश के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास किया है। प्रदेश के अलग-अलग कोने से इन सभी किसानों से संवाद बनाने का जो अवसर प्राप्त हुआ वह हमारे लिए एक नया अनुभव है।