लॉस एंजेल्स। संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देशों में एक भारत आठ वर्षों बाद आठवीं बार बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य के रूप में स्थान लेगा। इस 15 सदस्यीय परिषद में पाँच स्थाई सदस्यों-अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ़्रांस के अलावा दस अस्थाई सदस्यों को हर दो वर्ष के लिए चुना जाता है।
भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने विश्वास वक़्त किया है कि भारत के सुरक्षा परिषद में आगमन से ‘वसुधेव कटुंबकम’ का मार्ग प्रशस्त होगा। नियमानुसार भारत 1 जनवरी से दो वर्ष के लिए परिषद में अपना स्थान ग्रहण कर लेगा। एशिया प्रशांत क्षेत्रीय देशों में भारत एकमात्र ऐसा प्रतिनिधि देश है, जिसका निर्विरोध चुना जाना तय है। इसी तरह लेटिन अमेरिका और केरिबियाई देशों से मेक्सिको का भी निर्विरोध चुना जाना निश्चित है, जबकि पश्चिमी यूरोप से दो और अफ़्रीकी देशों से एक प्रतिनिधि के रूप में चुनाव होगा। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य हैं, जिनमें से 50 सदस्य देश ऐसे हैं, जिनमें से कोई भी देश अभी तक सुरक्षा परिषद में स्थान नहीं बना सका है।
परिषद के नियमानुसार इसकी बैठक में कोई भी देश मताधिकार के बिना भाग ले सकता है, बशर्ते उसके हितों पर चोट आई हो। इस साल के अंत में पाँच अस्थाई प्रतिनिधि देश दक्षिण अफ़्रीका, जर्मनी, बेल्जियम, इंडोनेशिया और डोमिनिक रिपब्लिक अपनी अवधि समाप्त कर रहे हैं। भारत के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रतिनिधि देश के रूप में स्थान गृहण करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र अपनी 75 वीं वर्षगांंठ मना रहा है और एक संस्थापक देश के रूप में भारत भी सन 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांंठ मनाएगा। भारत इससे पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85,1991-92 और 2011-12 में अस्थाई सदस्य रह चुका है।