जल्द ही अखिलेश से मिलकर यूपी को बचाने के लिए मांगेंगे बड़े आंदोलन की अनुमति
बांसडीह (बलिया) : नेता प्रतिपक्ष, यूपी रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सूबे में इस समय अफसर सुबह से शाम तक घोटाला करने, अपराधी और सामन्त हत्या, लूट व रेप के बल पर आम आदमी को सताने तथा सरकार त्राहि त्राहि की वास्तविकता को छुपाने और उन लोगों के खिलाफ एफआईआर कराने में लगी है जो इसे उजागर कर रहे हैं या जनता की पीड़ा को आम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सूबे में लगातार 144 धारा लागू होने की वजह से लोग इस भयावह स्थिति के विरोध में सड़क पर उतर कर अपना रोष भी नहीं प्रकट कर पा रहे हैं। सोमवार को जारी आनलाइन प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि काकोरी लखनऊ में दिनदहाड़े डकैती होना व पशुधन विभाग का यह घोटाला तो केवल नमूना है। नीचे से ऊपर तक सबकुछ नियोजित और संस्कारित होने के कारण इस सरकार जो जहां है, वही सरकारी धन को निजी धन बनाने में लगा है। लेनदेन में सबका साथ सबका विकास होने के कारण किसी को इन कुकृत्यों को अंजाम देने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से एक पूर्ववर्ती सरकार में सर्वोच्च के हिस्से के भुगतान में गड़बड़ी होने पर घोटाला उजागर होता था, उसी तर्ज पर इस समय भी लेन देन को लेकर संगठन के एक बड़े ओहदेदार की भृकुटी बदलती है, तभी कभी कभार कोई घोटाला उजागर हो जाता है। उन्होंने कहा है कि टेंडर का घोटाला हो या नियुक्ति का या मलाईदार पोस्टिंग का, सूबे में सबकुछ नियोजित और संस्कारित ढंग से हो रहा है।
रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि इस सरकार ने हत्या और रेप के दो बहुचर्चित मामलों में पीड़ित की जगह अभियुक्तों का साथ दिया। उत्पीड़न के एक मामले में अभी मामूली कार्रवाई हो गई तो सूबे के एक मंत्री ने उसे रोकने के लिए चिट्ठी लिख दिया। इससे अधिक शर्मनाक और दुखद स्थिति क्या हो सकती है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस रुख से सूबे के अपराधी और सामंती सोच के लोगों ने मान लिया है कि वर्तमान सरकार उनकी अपनी सरकार है। इसलिए सूबे में जिधर देखिए, उधर हत्या, लूट, रेप और कमजोरों को सताने, जलाने तथा जातीय आधार पर अपमानित करने की घटनाएं हो रही है। सर्वाधिक दुखद स्थिति यह है कि किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक इन घटनाओं में थाने भी सरकार की तर्ज पर पीड़ित और दुखी लोगों की जगह अभियुक्तों और सताने वालों का साथ दे रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि इस सरकार के कार्यकाल में सूबे में एक नई कार्य प्रणाली तेजी पर है कि जो भी जुल्म के खिलाफ आवाज उठाए, जुल्म की दास्तान लिखे, सरकारी योजनाओं में हो रही लूट का पर्दाफाश करे, उसी के खिलाफ एफ़ आई आर दर्ज कर लीजिए। उसी के खिलाफ करवाई कीजिए। उन्होंने कहा है कि घोटाला उजागर करने वाले मीडियाकर्मी हों या हत्या, लूट, रेप, उत्पीड़न, आगजनी का विरोध करने वाले समाजिक कार्यकर्ता, सभी सूबे में चल रही इस नई कार्यप्रणाली के शिकार हैं। इसकी वजह से अपराधियों और सामंती व्यवस्था को फिर से बहाल करने की इच्छा रखने वालों के हौसले बुलन्द हैं। रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि उत्तर सरकार की भी मंशा है कि किसी भी तरह से सूबे में व्याप्त त्राहि त्राहि की स्थिति उजागर नहीं हो, इसलिए वह खुद भी इस नई कार्य प्रणाली को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा है कि सूबे में 144 धारा लगाने के मामले में लोग सड़क पर उतर कर रोज हो रही शर्मनाक घटनाओं के विरोध में अपना रोष भी नहीं प्रकट कर पा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि सरकार 144 धारा को लेकर लोगों की चुप्पी को जुल्म बर्दाश्त करने की मंजूरी नहीं समझे। समाजवादी पार्टी के इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलेंगे और उत्तर प्रदेश को हत्या, लूट, रेप, आगजनी, सामंती उत्पीड़न और घोटालों आदि से बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन की अनुमति मांगेंगे।